उसका चेहरा
उसका चेहरा
शायद हम दोनों दोस्त थे,
एक ही काॅलेज में पढ़ते थे,
उसके चेहरे पर अजीब सी खुशी रहती थी हर समय
हर वक्त उसके चेहरे पर मुस्कान रहती थी,
उसकी आँखें ऐसी थी कि उनमें डूबने का मन करे
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ये सबके चलते मुझे उनसे इश्क़ हो गया था,
मै उसे खोना नहीं चाहता था,
लेकिन वो शायद मेरी थी ही नहीं
कहते हैं कि
जब किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है...
एक बात और कहते है
कि
जब किस्मत में न हो और तुम उसे पाने की कोशिश करो तब भी वह कभी भी संभव नहीं है।
मुझे तो पता है कि मैने तुम्हें शिद्दत से ही चाहा था
शायद कायनात ने मिलाने की कोशिश नहीं की।
आज भी कोई तुम्हारा नाम लेता है न
तो मेरा दिल धक्क से रह जाता है
आखिर हमें इश्क़ है तुमसे,
तुम्हारे खूबसूरत चेहरे से
तुम्हारे विचारों से
तुम्हारी बातों से...
तेरा चेहरा...

