Prafulla Kumar Tripathi

Drama Action Inspirational

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Prafulla Kumar Tripathi

Drama Action Inspirational

उजड़ा हुआ दयार- श्रृंखला (19)

उजड़ा हुआ दयार- श्रृंखला (19)

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जीवन बहुत निर्ममता से अपनी योजनाओं को मूर्त रुप देता रहता है।आप उसे स्वीकार करें, अस्वीकार करें, खुश होकर स्वागत करें या दहाड़ें मार कर अस्वीकार करने की कोशिश कर लें।

अब मिसेज दीक्षित का ही उदाहरण ले लें।उन्हें एक ही बेटा था कर्नल शिवांग.. बहुत लाड़ दुलार कर पाली पोसीं और बड़ा की थीं वे ।शिवांग हृष्ट पुष्ट था.. सम्मोहक व्यक्तित्व का धनी भी ।जाने क्या सनक सवार हुई कि वह इंटर करते ही आर्मी में कमीशंड आफिसर बनने चला गया ।जैसे जैसे ट्रेनिंग समाप्त हुई और नार्थ ईस्ट में उसकी पोस्टिंग हो गई।यहां तक तो इस परिवार का जीवन लहलहाती फसलों के समान था लेकिन शनि की और उस पर राहु की ऐसी वक्र दृष्टि लगी कि... कि कुछ नागा विद्रोहियों के आक्रमण में वह चार पांच सैनिकों के साथ शहीद हो गया! बंजर हो गया उसके परिजनों का जीवन... आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाये हैं उसके परिजन ।.....तो यह है अदभुत और असंभावित घटनाओं से हतप्रभ कर देनेवाला जीवन ।ख़ैर छोड़िए इस इति कथा के दुखद प्रसंग को और बढ़ा जाय अपनी मूल कथा और उसके रोचक रहस्यमय किरदारों की ओर ।

पूरा विश्व कोरोना संक्रमण से गुजर रहा था और सारी फ्लाइटें कैंसिल हो चुकी थीं।लाक डाउन ने हर घर, हर आदमी और हर देश को झकझोर दिया था।लेकिन इंसान के पेट (और पुष्पा के लिए शरीर  यानी समझ ही गये होंगे सेक्स )की आग तो लगी ही हुई थी... सवाल यह था वह कैसे बुझे? 

पुष्पा ने तो बहुत चालाकी से इन दोनों के लिए राह निकाल ली ।वह अब अपने नये लिव इन पार्टनर के घर रहने लगी थी।यहां उसे दोनों सुख मिलने लगे ।

तो क्या इतने संक्रमण काल में भी पुष्पा सेक्स के बगैर नहीं जी सकती? 

बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अपनी सेक्स की लत पर नियंत्रण नहीं रख पाता है और इससे वह अपने पर्सनल और सामाजिक जीवन पर असर डालता जा रहा है, तो इसे "कंपल्सिव सेक्सुअल बिहेवियर डिसऑर्डर" माना जाता है। वह व्यक्ति जो सेक्स के बिना नहीं रह पाता यह काफी खतरनाक हो सकता है। इसे सेक्स की लत का नाम दिया गया है।

आपने यह भी सुना होगा कि अगर किसी को मास्टरबेशन की लत लग जाती है तो यह भी बहुत खराब हो सकता है। ऐसा ही सेक्स के साथ भी है। अगर कोई व्यक्ति सेक्स के बिना रह नहीं पाता है तो यह एक तरह का मानसिक विकार ही तो है! हालांकि, सेक्स की लत पर कुछ लोगों का मानना यह भी है कि हर किसी की अपनी अपनी सेक्स ड्राइव होती है, किसी की कम तो किसी की ज्यादा। सेक्स की लत को लोग ज्यादातर सेक्स ड्राइव का नाम देते रहे। लेकिन इस सेक्स की लत लगने के क्या क्या लक्षण हैं?आख़िर इंटीमेट हुए बिना भी महिलाएं कैसे हो जाती हैं टर्न ऑन? असल में यह एक बीमारी ही है। इस बीमारी में महिलाएं हमेशा उत्तेजित रहती हैं और वह बार बार सेक्स करना चाहती हैं। यह बीमारी बहुत घातक भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में महिलाएं ज्यादा यौन संबंध बना लेती हैं। इस बीमारी का सबसे पहला लक्षण तो यही है कि सेक्स गतिविधि के बिना भी महिलाएं उत्तेजित रहती हैं। महिला चाहती भी नहीं होंगी, लेकिन उसे कामोत्तेजना रहेगी।अगर कोई महिला दिन में कई बार सेक्स भी कर लेती है तब भी वह कामोत्तेजक बनी रहती है।इस बीमारी में एक महिला कई घंटों या कई हफ्तों तक कामोत्तेजना में रहने लगती है।

ऐसा नहीं है कि पुष्पा अपनी इस स्थिति के प्रति चिंतित नहीं थी।एक बार वह समीर के साथ एक डाक्टर के पास जा चुकी थी । डॉक्टर ने बताया कि इस तरह की बीमारी आपकी में नसों में जलन के कारण भी हो सकती है। नसों में इतनी जलन होती है कि यह जलन महिलाओं के यौनांगों तक पहुंच जाती है। ऐसे में महिलाओं इस तरह की बीमारी की शिकार हो सकती है।उन्होंने एक कारण यह भी बताया कि जब महिलाओं की रीढ़ की हड्डी के एकदम निचले भाग में चोट लग जाए, तो भी महिलाओं को ऐसी समस्या हो सकती है।उन्होंने आश्वासन दिया कि उसकी इस बीमारी का इलाज संभव है। तंत्रिका को ठीक करके या सिस्ट हटाकर वे इस बीमारी को ठीक कर सकते हैं। उसे आगे पता चला कि सेक्स की लत से छुटकारा दिलाने के लिए कई कार्यक्रम किए जाते हैं। खासकर मेट्रो सिटीज में जहां पर कुछ चिकित्सक ऐसे लोगों से बातचीत के जरिए उनकी सेक्स की लत से छुटकारा दिलाने की कोशिश करते हैं। बहुत से डॉक्टर इस लत को छुड़ाने के लिए लोगों को सलाह देते हैं कि वह अपने मित्रों से इस पर बात करें। उनकी राय भी लें और अपने करीबियों के साथ रहें। परिवार और दोस्तों के साथ से आप इस लत से छुटकारा पा सकते हैं! फिलहाल तो इस लत से छुटकारा दिलाने के लिए उस डॉक्टर ने कुछ दवाइयां ही देकर उसे विदा कर डाला था! हां, उसके मुख पर शरारती मुस्कान तैर रही थी ।

दुनियां ने अब कोरोना से बचने का अन्ततः उपाय ढूंढ़ ही लिया था! दो गज की दूरी, मास्क, हर बार सफ़ाई से हाथ मुंह धोने की हिदायतों के साथ अब बचाव के टीके भी लगने लगे थे! कितने लोग आइसोलेशन में रहकर इस बीमारी से उबर कर बाहर आ गये और वे कोरोना वारियर्स कहे जाने लगे लेकिन ज्यादातर लोग दुनियां को असमय ही अलविदा कर दिये।

(क्रमशः) 



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