Nandita Srivastava

Drama

5.0  

Nandita Srivastava

Drama

थका सा दिन

थका सा दिन

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यशी एक आजाद नारी है।

अपने लिये मकान ढूंढ रहीं है, पर पता नहीं लोगों की कैसी मानसिकता, पहला सवाल कौन रहेगा ?

अकेले रहेगी या कोई और रहेगा, कब आयेगी, कब जायेगी, तमाम सवाल।

वह तपाक से जबाब देती- आप को किराया मिलेगा और हमारे पास आई डी भी है।

आज बहुत थकी सी लग रही थी या मानसिकता की बातें कर रही थी। बार बार लोगों को जवाब देते देते यशी थक गयी है या हार महसूस कर रही है।

आज उसको फफक फफक कर रोते देखा। बस यही सवाल करती है कि लोग इतने संगदिल कैसे होते। कैसे औरत पर उँगली उठाते हैं। अरे चार उंगलियाँ आप पर भी तो उठती है, फिर काफी समझाने के बाद सहज होकर बोली- आज कहानी का थका सा दिन ही रखना, आज मैं बहुत थकान महसूस कर रही हूँ।


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