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विनय मिश्रा

Tragedy

3  

विनय मिश्रा

Tragedy

तेजाब

तेजाब

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"बहुत घमंड है ना उसे अपने चेहरे पर ! अगर वो मेरी नहीं हो सकती तो किसी की होने लायक नहीं छोडूंगा।"

"ठीक कहा तूने, क्या कमी है तुझमें जो वो उस गौरव से बातें करती है।" 

"आज देख तू उसका चेहरा ही जला दूँगा, फिर वो खुद से भी बातें करने से घबरायेगी।"

"आज वो आने में टाइम क्यूँ लगा रही है ?"

"पता नहीं बे..."

दोनों लड़के बाइक साइड कर गमछे से अपना चेहरा ढक हाथों में दस्ताने लगा लेते हैं।

"देख आ रही है, साथ में वो गौरव भी है, आज तो गई ये। तू ये बॉटल पकड़ मैं बाइक चलाता हूँ।"

लड़की इन बातों से बेखबर अपने दोस्त के साथ जैसे ही चौराहे से पतली सड़क पर पहुंची वो दोनों बॉटल का तरल पदार्थ उसके चेहरे पर डाल भागने लगते हैं। तभी दो पुलिस वाले उन्हें धर दबोच लेते हैं। 

"बेटी घबराना नहीं तुम्हें कुछ नहीं होगा।"

एक बुजुर्ग व्यक्ति पुलिस वालों के साथ ही था। वो लड़के उसे देख भौचक्के रह गए.....

"ये जब मेरी दुकान पर तेजाब लेने आये तो मैंने इनसे आधार कार्ड मांगा, इन्होंने नहीं दिया। कहने लगें कि

"वर्कशॉप में काम है थोड़ा बहुत चाहिए। आधार कार्ड साथ में नहीं है। कोई बात नहीं अगर आप नहीं देंगे तो हम कहीं और से ले लेंगे।"

"तभी मुझे संदेह हो गया कि कुछ..! मैं इन्हें रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था क्यूंकि पड़ोस में इस तरह की घटना हुई है। उसे देख आज भी मेरे रौंगटे खड़े हो जाते हैं। मैंने मना नहीं किया बदले में पानी दे दिया और इंस्पेक्टर साहब के साथ इनके पीछे पीछे चल दिया।"

लड़की रोते हुए उस बुजुर्ग से लिपट गई।

"रो मत बेटी ! तेरा चेहरा जलाने चले थे..अब इनकी पूरी ज़िंदगी जलेगी.."


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