स्वतंत्रता का महत्व
स्वतंत्रता का महत्व
एक समय की बात है। मधु और प्रभात अपने घर की छत पर खड़े थे। वे दोनों अपने घर के सामने लगे हुए पेड़ को ध्यान से देख रहे थे। वहां उन्होंने एक घोंसले में चिड़िया के दो छोटे-छोटे बच्चे देखे। सर्दी के दिन थे। मधु और प्रभात नहीं सोचा कि दोनों बच्चे इस छोटे से घोंसले में कैसे रहेंगे? हम एक बच्चे को निकाल कर उसकी देखभाल करेंगे। यह सोच कर कर उन्होंने एक बच्चे को निकालकर रुई के फाहे में रख दिया। यह क्या ?उनकी मां ने जब यह देखा तो बहुत गुस्सा हुई।
उन्होंने कहा, "यदि तुम दोनों में से किसी एक को कोई व्यक्ति मुझसे दूर करके अपने साथ ले जाए तो तुम्हें कैसा लगेगा ?"
बच्चों को अपनी गलती का एहसास हो गया।मां ने यह भी समझाया कि सब जीवों को अपनी स्वतंत्रता प्रिय होती है। यदि तुम इस चिड़िया के बच्चे को अपने पास रखोगे तो वह अपनी स्वतंत्रता खो देगा और कभी भी प्रसन्न नहीं रहेगा।
बच्चों ने महसूस किया कि चिड़िया का छोटा सा बच्चा उनके पास बहुत परेशान हो रहा था। उन्हें अपनी भूल का अहसास हो गया और उन्होंने चिड़िया के बच्चे को वापस घोंसल में रख दिया।
दोनों ने देखा कि दोनों बच्चे चीं-चीं,चीं-चीं कर रहे हैं।जब उन्होंने ध्यान से देखा तो उन्हें पता चला कि उनकी मां उनके लिए खाना लाई थी और चिड़िया अपने बच्चों को अपनी चोंच से खाना खिलाने लगी। यह देख कर मधु और प्रभात खुश हो गए और वह सुबह-सबह चिड़िया के बच्चों को देखने रोज छत पर आने लगे।चिड़िया और चिड़िया के बच्चे उनके दोस्त बन गए।
शिक्षा - हमें सब की स्वतंत्रता का मान रखा चाहिए।
