sargam Bhatt

Action Crime

3.4  

sargam Bhatt

Action Crime

सुनसान सड़क

सुनसान सड़क

1 min
154


मैं सप्लाई ऑफिस में काम करती थी, मुझे हर रोज आने में रात हो जाती थी। जिस रास्ते से मुझे आना रहता था वाह बिल्कुल सुनसान सड़क था, एक बार मुझे आने में ज्यादा देर हो गई, लगभग 11:00 बज गए, रास्ते में मुझे दो लड़के दिखाई दिए,मैं बहुत डर रही थी ,धीरे-धीरे वह दोनों मेरे पास ही आ रहे थे।

जब वह दोनों मेरे पास आकर खड़े हो गए तो मैं रुक गई, वो बोले जान तुम इतनी खूबसूरत हो और इतनी रात में सुनसान सड़क से जा रही हो तुम्हें डर नहीं लगता?


मैंने कहा भैया मैं तब डरती थी जब मैं जिंदा थी!

वे दोनों डर के मारे इतनी तेज भागे की पीछे मुड़कर देखने की भी हिम्मत नहीं हुई।


इसे कहते हैं दिमाग से काम लेना।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action