सत्य, तलाक की छोटी कहानी
सत्य, तलाक की छोटी कहानी
मैं उसे समझ ना पाया जो मेरी थी,
मैं उससे कुछ कह ना पाया जो मेरी थी,
मैं उसे देख ना पाया जो मेरी थी,
मैंने उसके प्यार पर शक किया जो मेरी थी,
मैंने उसे तकलीफ दी जो मेरी थी,
मैंने उसे बेवफा कहा जो मेरी थी,
उसने मुझे कितना समझाया पर मैंने उसकी एक ना सुनी,
उसने मुझे कितना प्यार किया पर
मैंने उसे..........??
क्यों मेरे प्यार में इतनी कम सिद्धत रही,
क्यों मैंने उसकी ना सुनी,
क्यों उसके लफ्ज़ मुझे अच्छे ना लगे,
क्यों मेरा प्यार इतना कमजोर हुआ,
आज भी रोता हूं उसकी याद में जो मेरी थी,
पर वह आज मेरी नहीं।
