सपनो की बारात -PANKAJ SAHANI
सपनो की बारात -PANKAJ SAHANI
सब साथ ही सोये मगर मेरी रात अधूरी रह गई,
सब कह चुके थे हम तब भी बात अधूरी रह गई,
सारी तैयारी हमने की और दूल्हा कोई और बना,
मेरे सजाये सपनों की बारात अधूरी रह गई।।
वो हाथो पे मेहदी से अक्सर मेरा नाम लिखती थी,
आँखे खुलते ही सुबह सबसे पहले वो ही दिखती थी,
हजारो सपने लाखो वादे किये सर पे हाथ रख के,
वो पूरी हो गए और मेरी कायनात अधूरी रह गई।।
#Pankaj_Sahani