STORYMIRROR

PANKAJ SAHANI

Tragedy Classics Inspirational

4  

PANKAJ SAHANI

Tragedy Classics Inspirational

भगवान है ये कलम !

भगवान है ये कलम !

1 min
25


दिया खुदरत ने वो फरमान है ये कलम

मेरा मन मंदिर मेरा जान है ये कलम 

हर गली चौकठ और दहलीजो पर टेका माथा

दिया जिसने मंजिल वो पहचान है ये कलम !


हौसला मुझ मे ना था मशहूर हो जाने का

गीत गजल शब्दो पर मगरूर हो जाने का

दिया जिसनने शरण स्थान है ये कलम

मेरे लिये तो गीता कुरान है ये कलम !


फिरता था आवारा सा अपने गाँव सड़क की गलियोम में

लेते थे लोग नाम मेरा तीखे स्वर भरे गालियो में

किया जिसने मुझ पे एहसान है ये कलम

मेरे लिये तो मेरा भगवान है ये कलम ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy