भगवान है ये कलम !
भगवान है ये कलम !


दिया खुदरत ने वो फरमान है ये कलम
मेरा मन मंदिर मेरा जान है ये कलम
हर गली चौकठ और दहलीजो पर टेका माथा
दिया जिसने मंजिल वो पहचान है ये कलम !
हौसला मुझ मे ना था मशहूर हो जाने का
गीत गजल शब्दो पर मगरूर हो जाने का
दिया जिसनने शरण स्थान है ये कलम
मेरे लिये तो गीता कुरान है ये कलम !
फिरता था आवारा सा अपने गाँव सड़क की गलियोम में
लेते थे लोग नाम मेरा तीखे स्वर भरे गालियो में
किया जिसने मुझ पे एहसान है ये कलम
मेरे लिये तो मेरा भगवान है ये कलम !