सफ़ेद साड़ी ।
सफ़ेद साड़ी ।
एक ऐसी उपलब्धि है ,प्रेम
पवित्रता का प्रतीक है , प्रेम
जहा जीवन की भागदौड़ ठहर जाती है ।
सुख और शांति का आगमन होता है ,
पहली बार उसे सफ़ेद साड़ी में देखा था ,
नज़र से नज़र मिली ,
दिल की धड़कने बढ़ने लगीं,
उसके चेहरे की वो मासूमियत,
गुलाबी आंखों की वो चमक,
लाल सुर्ख़ होठों की मुस्कान,
हाथों में बुके लिए मोहतरमा का वो अंदाज ,
हम एक दोस्त की शादी में मिले थे ,
मैं स्टेज़ पे अपनी कविता (उठेगी उसकी डोली,जिसदिन है होली) लोगो को सुना रहा था !
मेरी कविता मोहतरमा को बहुत पसंद आई ,
और उन्होंने मुझसे बात की ,
पूछा सर आपका नाम ,
आपकी कविता सुनकर मेरी आंखे भर आई ,
ऐसा लग रहा था जैसे ए कविता नही ख़ुद का दर्द है ,
काफी सारी बाते हुई हम दोनो में ,
लग ही नहीं रहा था की हम पहली बार मिले है ,
ऐसा लग रहा था की हम दोनो का कई जन्मों का नाता है ,
हमने एक दूसरे का मोबाइल नंबर भी ले लिया ,
पूरी बारात में हम साथ - साथ ही थे ,
हम एक अच्छे दोस्त बन गए थे ,
और प्रेमी बनने से पहले का यही सफ़र होता है दोस्ती का ,
जो हम पूरा कर चुके थे !
हम दोनो को एक साथ देख कर लोगो को अजीब तो लग रहा था ,
पर हमारे पवित्रता भरे व्यवहार को देखकर ,
कोई कुछ बोल नहीं पा रहा था ,
मोहतरमा एक अध्यापिका (टीचर) थी ,
जो आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाती थी ।
और मैं एक आर्टिस्ट था , राइटर, कवि,
कविताओं के माध्यम से भावनाओं को लिखता था ,
हम दोनो बहुत ही खुश थे एक साथ में ।
स्टेज़ पे कविता पाठ के बाद ,दोस्त के जयमाल के समय हम मिले थे ,फिर पूरी रात एक साथ ही बात - चीत में गुजार दिए,
ऐसा हर किसी के साथ नही होता है ।
पर मुझे ऐसा लगने लगा था कि खुदा ने उसे बड़ी फुर्सत से सिर्फ़ मेरे लिए ही बनाया है ।
धीरे - धीरे सुबह हुई,हमारी मित्रता और गहरी होती गई,
चाय और नमकीन का नाश्ता सबको दिया गया ,
और वो मोहतरमा मेरे लिए अलग ही ग्लास में चाय लाई थी ,
मैने चाय को दो कप में आधा -आधा किया ,
फिर दोनों ने काफ़ी समय तक चाय पी चर्चा किए,
मेरी लिए जलेबी , छोला, बड़ा सब नाश्ता में लाया उसने ,
दोनों ने मिलकर साथ में नाश्ता किया ,
तभी अंगने में दूल्हे के बैठने का बुलावा आया ,
सभी बाराती नहा - धोकर अपने कपड़े बदलने लगे ,
मैने एकदम फॉर्मल ड्रेसिंग की ,
डार्क नेवी ब्लू कलर की पैंट और लाइट पिच कलर की शर्ट ,टेन कलर का शूज और बेल्ट , आइस ब्लू कलर का हैंकर चीफ़।
उसने डार्क मरून कलर का लहंगा और लाइट पिंक कलर की चोली पहनी , सैंडल का कलर ब्लैक था ,
फिर बारात विदाई का समय आ गया,
अब तो उससे बिछड़ना होगा ।
ये सोचकर मैं सहम सा गया।

