Sarita Singh

Tragedy

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Sarita Singh

Tragedy

सोलहवें बसंत का अधूरा पहला प्यार

सोलहवें बसंत का अधूरा पहला प्यार

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सोलहवें साल में बसंत का आना और पहला प्यार काजल को दोनों एक साथ मिले मौसम खिला-खिला था कॉलेज में चारों तरफ गेंदा और गुलाब बगीचे में खड़े इतरा रहे थे। दूर खेतों में फूली हुई पीली सरसों के जैसा पीला लहरदार दुपट्टा ओढ़कर काजल ने कैंपस में प्रवेश किया सबकी नजरें काजल पर ही टिकी रह गए। शिवम उसे देखता ही रह गया काजल ने भी शिवम की नजरों को पहचान लिया था पर वह भी ना कुछ देखें सीधे अपनी क्लास में चली गई, लेक्चर खत्म होने के बाद रुचि ने उसे आवाज दी क्या बात है आज मिस बसंती बन कर आई हो ? काजल ने हंसकर जवाब दिया नहीं वह घर में पूजा थी तो जल्दी-जल्दी में यह पीला सूट पहन कर चली आई माथे पर चंदन का टीका खुले बाल पीले रंग का सूट लहराता दुपट्टा शिवम से रहा नहीं गया उसने काजल के पास जाकर उसने बोल ही दिया इसमें तुम बहुत ही सुंदर लग रही हो रोज ऐसे ही रहा करो पीला रंग तुम पर बहुत खिलता है काजल को जिस बात का इंतजार था आखिर वह घड़ी आ ही गई थी काजल बिना कुछ जवाब दिए मुस्कुराकर चली गई।

 शिवम और काजल दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगी काजल जींस टॉप छोड़कर रोज सूट पहनकर आने लगी शिवम रोज ही उसकी तारीफ करने लगा ऐसे दोनों में प्यार बढ़ने लगा पहले प्यार में ऐसा ही होता लोगों की पसंद बदल जाती है लोग सजने और सवरने लगते हैं अब तो सारी सहेलियों उसे देख चिल्लाने लगी थी ओ हो हो हो कुछ टिप्स हमें भी दो क्या जादू किया है अच्छी किस्मत पाई है काजल, हैंडसम , कॉलेज का टॉपर लड़का तुम्हारा आशिक काश हमारी भी किस्मत होती है.. 

कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा दोनों का साथ बातें करना साथ बैठकर चाय पीना शिवम और काजल के बीच कुछ कसमे वादे होते तभी नियति को कुछ और मंजूर हो गया।

 काजल की मां बीमार हो गई काजल की व्यस्तता बढ़ गई मां की देखभाल के कारण कई महीनों कॉलेज नहीं पहुंची। जिसका फायदा दीप्ति को मिल गया दीप्ति शिवम का काफी ख्याल रखने लगी नोट्स देना, साथ कॉफी पीना, काजल के बारे में बातें करते करते शिवम और दीप्ति में काफी नज़दीकियां हो गई शिवम कब दीप्ति को चाहने लगा पता ही ना चला, और दीप्ति क्या शिवम जैसे लड़के की हर लड़की को चाह रहती दीप्ति ने भी बिना समय गवाएं शिवम से अपने प्रेम का इजहार कर दिया। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे था दोनों ने एक दूसरे को सुंदर उपहार दिए और गुलाब के सुंदर गुलदस्ते हुए , उन दिनों सबके घर में फोन नहीं होता था इसीलिए काजल शिवम को कुछ ना बता पाई। कुछ दिनों बाद जब काजल कॉलेज पहुंची उसे लगा शिवम उसका आंखें बिछाए इंतजार कर रहा होगा पूरे कैंपस में उसने शिवम को खोजा पर कहीं दिखाई नहीं दिया। लोगों ने कहा होगा दीप्ति के साथ कैंटीन या लाइब्रेरी में काजल सीधा कैंटीन में पहुंची वहां जाकर जो देखा उसके होश उड़ गए, शिवम और दीप्ति एक दूसरे का हाथ पकड़े आमने-सामने की बेंच पर बैठे एक दूसरे को निहार रहे थे। काजल ने आवाज लगाई शिवम शिवम पर शायद काजल की आवाज़ शिवम को प्रभावित नहीं कर पाई, आंखों से काजल घर वापस आ गई वह जान गई थी उसका पहला प्यार अधूरा रह गया।



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