शक्तिमान मां
शक्तिमान मां


सुधा पेशे से टीचर की वह स्कूल में बच्चों को पढ़ाती और घर भी ट्यूशन देती थी।टीवी पर शक्तिमान का सीरियल चल रहा था बेटा गोलू को शक्तिमान देखना बहुत पसंद था, आपने जादू से सारे काम कर देना दुश्मनों को मारना, अच्छी ज्ञान की बातें सिखाना गोलू बड़ा ही रोचक सीरियल था सच में।
रोज होमवर्क करना भूल जाए पर शक्तिमान देखना नहीं भूलता।
गोलू नाश्ता करके शक्तिमान देख रहा था तभी दीवार चलती छिपकली बिस्तर पर आ गिरी गोलू अपने कमरे से दौड़ मा ,मा चिल्लाता आकर मां से लिपट गया।
मां ने पूछा "क्या हुआ मासूम गोलू" , एक छोटा सा बच्चा उसके लिए छिपकली भी किसी बड़े दानव से कम नहीं ... सहमा हुआ मां से बोला "नहीं
मां तुम उस कमरे में मत जाना और मैं भी नहीं जाऊंगा एक बड़ी सी छिपकली वहां पर आ गई है वह हम सब को खा जाएगी अब हमें शक्तिमान को बुलाना पड़ेगा ।तुम जल्दी से शक्तिमान को बुलाओ" गोलू की बातें सुन मां जोर जोर से हंसने लगी और बोली "शक्तिमान को बुलाने की क्या जरूरत है मैं तो खुद शक्तिमान की टीचर हूं" बड़ी उत्सुकता से बच्चा बोला वह कैसे मां ने झाड़ू उठाया और बच्चे को साथ ले कमरे में गई छिपकली अभी भी बिस्तर पर ही थी। मां मैं हाथ मैं लिए झाड़ू से छिपकली को भगा दिया अब गोलू की खुशी का ठिकाना नहीं था । मां के हाथ का झाड़ू गोलू को कोई तलवार लग रहा था। गोलू को यकीन हो गया जरूर मेरी मां ने ही शक्तिमान को दुश्मनों से लड़ना सिखाया होगा।