मानवता के रिश्ते
मानवता के रिश्ते


अभी 10:00 ही बजे थे दरवाजे की घंटी बजी ना जाने इस वक्त कौन होगा हड़बड़ी में सीमा ने दरवाजा खोला। दरवाजे पर खड़े व्यक्ति को देखकर आश्चर्य करने लगी वह वही मैनेजर थे जो अपनी शान ओ शौकत में कभी किसी को दूसरों से कम नहीं आकते और दूसरों को तिनका बराबर भी नहीं समझते थे।सीमा ने चेहरे से मास्क को ठीक कर के पूछा
"नमस्ते आपका कैसे आना हुआ मैनेजर साहब।" आंखों में आंसू भरे मैनेजर साहब कहने लगे "जानता हूं मेरी आप लोगो से कभी नहीं बनी लेकिन आपके पति डॉक्टर है मेरे पिताजी को एक इंजेक्शन की अति आवश्यकता है जो बाजार में उपलब्ध नहीं है शायद आपकी मदद से कुछ बात बने इसीलिए आपके पास आया हूं मना मत करिएगा।"
मैनेजर गोपाल सिंह की बातें सुनकर सीमा बोली इतना नाजुक वक्त है हर आदमी मजबूर है ऐसी आपदा में लड़ाई झगड़े वाद विवाद कोई मतलब नहीं रह गया मैनेजर साहब।मैं अभी डॉक्टर साहब को फोन लगाती हूं आप इंजेक्शन का नाम बताइए ।गोपाल सिंह ने डॉक्टर का पर्चा हाथ में थमाते हुए बोला यही है सीमा ने अपने पति डॉ राघव को फोन लगाया और बताया कि सामने वाले मैनेजर साहब के पिताजी को रेमडीसीवर इंजेक्शन की जरूरत है।डॉक्टर साहब ने कहा इंजेक्शन मिलना मुश्किल है सीमा को लगा डॉक्टर साहब मैनेजर गोपाल का नाम सुनकर ऐसा बोल रहे हैं।सीमा ने मैनेजर साहब को सांत्वना देते हुए
कहा "आप घर जाइए डॉक्टर साहब बोल रहे हैं इंजेक्शन मिल जाएगा तब तक आप अपने मरीज की देखभाल करिए, हौसला रखिए सब ठीक हो जाएगा"
रात को जब डॉक्टर साहब आए तो सीमा ने उनसे पूछा कि पड़ोसी मैनेजर साहब से हमारी नहीं बनती इसीलिए आपने इंजेक्शन के लिए मना कर दिया डॉक्टर साहब हंसते हुए बोले "पागल इस समय जो नाजुक हालात हैं उसमें दोस्त क्या और दुश्मन क्या दवाई सबके लिए एक बराबर है और फिर मैं डॉक्टर हूं मेरे लिए सभी मरीज एक है।बात मैनेजर साहब की नहीं है यह इंजेक्शन मार्केट से खत्म हो गया है लेकिन मैं पूरा प्रयास करूंगा कि उनको कहीं से मिल जाए।" डॉक्टर साहब ने अपना पूरा प्रयास किया स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम से बातचीत की पता चला कि आपदा प्रबंधन विभाग में डॉक्टर के लिखे हुए पर्चे के साथ आधार कार्ड पर यह इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएगा डॉक्टर साहब स्वयं मैनेजर साहब को अपने साथ लेकर आपदा प्रबंधन के कार्यालय गए और लाइन में लगकर उनको जीवन रक्षक इंजेक्शन दिलवाया।मैनेजर साहब ने हाथ जोड़कर पड़ोसी डॉक्टर का धन्यवाद किया।मैनेजर साहब की पत्नी सुनंदा देवी ने भी फोन करके सीमा को आभार प्रकट किया।इस नाजुक वक्त में जहां महामारी ने सबको अपनी शिकस्त में लिया हुआ है । ऐसे में सब को एक सारे गिले शिकवे भुला कर दूसरे का सहारा बनना पड़ेगा तभी ऐसी परिस्थिति से निजात मिलेगी।