सिंपल सी डिंपल
सिंपल सी डिंपल


हंसती मुस्कुराती सिंपल सी डिंपल पड़ाकू विशाल।बचपन के वो दिन।साथ साथ स्कूल जाना और घर आना।एक साथ पढ़ना।एक साथ घूमना।साथ साथ रहते रहते कब वो दोनों एक दूसरे की तरफ आकर्षित हो गए पता ही नहीं चला।डिंपल तो दिलो जान से विशाल को चाहती थी।विशाल के लिए उस उम्र का आकर्षण भर था ये प्यार।वो डिंपल को अपनी सबसे अच्छी दोस्त ही मानता।पर डिंपल ने न जाने क्या क्या ख़्वाब सजा रखे थे।ऐसे ही दोनों की स्कूल की पढ़ाई फिर कॉलेज की पढ़ाई खत्म हुई।
डिंपल पीएचडी करने के लिए दिल्ली में ही रही।वहीं विशाल अब एमबीए करने के लिए बंगलौर चला गया।बंगलौर में जिस इंस्टीट्यूट में विशाल ने एडमिशन लिया वहीं नीरा ने भी। नीरा मेरठ के छोटे शहर से आई थी,पर ख़्वाब उसके बड़े थे।अल्हड़ मस्त सी नीरा थी ही ऐसी कि उसे देखते ही कोई भी पसंद कर ले।एक गज़ब सा आकर्षण था उसके व्यक्तित्व में और बोली में मिठास।
क्लास में पहले दिन जब विशाल ने नीरा को देखा तो देखता रह गया।उसे और कुछ नहीं पता था।अगले दिन दोबारा से फिर यही सब हुआ और विशाल का ध्यान एकटक नीरा पर था।लंच ब्रेक में वो गुमसुम बैठा था कि सामने से नीरा आई और उसे डांटने लगी।ये क्या तरीका है कल से देख रही हूं मैं तुम्हें, शर्म नहीं आती मुझे यूं घूरते हुए। विशाल सकपका गया।उससे कुछ बोलते न बना।फिर थोड़ा सा संभला वो और बोला आप सिर्फ दिखने में ही अच्छी नहीं हैं बल्कि आपकी डांट भी मीठी है।नीरा का गुस्सा देखने लायक था।वो उसे सचेत कर वहां से चली गई। अगले दिन से विशाल कुछ संभल गया था और चुपके चुपके नीरा को देखता और हां अपनी पढ़ाई भी ध्यान से करता।लेक्चरर्स के सवालों का जवाब भी देता।सभी लेक्चरर्स उसे पसंद करते।धीरे धीरे नीरा को भी वो पसंद आने लगा।अब नीरा और विशाल में बातचीत भी शुरु हो गई थी।फ़िर क्या था।साथ साथ रहना पढ़ना बातें करना शुरू हो गया था और दोनों ही एक दूसरे को पसंद करने लगे थे।प्यार करने लगे थे।
उधर डिंपल मन लगा कर अपनी पीएचडी कर रही थी।शुरू में तो विशाल से रोज बातें होती थीं पर साल खत्म होते होते बातें भी कम होने लगी।डिंपल भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गई ये सोच कर कि विशाल एमबीए करने में बिजी है।
इधर नीरा और विशाल का एक दूसरे के लिए प्यार दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा था। दोनों अब पूरा पूरा दिन साथ ही रहते।दोनों ने ही एक दूसरे से वादा किया कि उन्हें अच्छे नंबर लाने हैं और अपने घरवालों सेअपनी शादी की बात करनी है।नीरा तो अपने घर पर विशाल के बारे में पहले ही बता चुकी थी।इधर उनका एमबीए का आखिरी साल और उधर विशाल के घरवाले डिंपल को उसके लिए पसंद कर चुके थे।डिंपल और विशाल का रिश्ता सभी को पसंद था।बस डिंपल ही सोच विचार में थी कि क्या विशाल उसे अब भी पसंद करता है क्योंकि उसे विशाल की बातों से
अब ऐसा नहीं लगता था पर फिर भी वो विशाल को ही चाहती थी।
नीरा के घरवाले नीरा की खुशी में खुश थे बस वो चाहते थे इस कोर्स के बाद उन दोनों की कहीं अच्छी जगह नौकरी लग जाए।
आखिरी सेमेस्टर होते होते उनके कैंपस में ही प्लेसमेंट के लिए अच्छी अच्छी कंपनी आईं।दोनों को ही बढ़िया नौकरी भी मिल गई और वो भी एक ही कंपनी में।अब क्या था वो अपनी शादी को लेकर आश्वस्त थे।
दोनों ही अपने अपने घर वापस आ गए।विशाल के घरवालों ने उसकी नौकरी लगने की खुशी में एक पार्टी रखी और उस पार्टी में डिंपल के साथ उसकी शादी भी अनाउंस कर दी।विशाल सबके सामने कुछ न कह सका पर परेशान रहने लगा।अब तो गाहे बगाहे वो किसी न किसी बहाने उसके घर आती रहती। डिंपल जितना विशाल के पास आती विशाल उससे उतना ही दूर रहता।
उधर नीरा के घरवालों ने नीरा से कहा कि वो विशाल से बात करे। उसके माता पिता विशाल के घरवालों से मिलना चाहते थे शादी की बात करने के लिए।
आज जब से नीरा का फोन आया है विशाल असमंजस में पड़ गया है।उसे कुछ समझ नहीं आ रहा।वो डिंपल को दुख नहीं पहुंचा सकता और न ही नीरा का दिल तोड़ सकता है।
वो हैरान परेशान सा यूं ही बाहर निकल आया।पीछे से डिंपल उसके कमरे में आती है। सारा कमरा अस्त व्यस्त।वहीं बेड पर उसे डायरी मिलती है।विशाल की डायरी।विशाल और नीरा के प्यार की एक एक कड़ी उस डायरी में लिखी थी।विशाल और नीरा की प्रेम पातियां।विशाल के दिल का दर्द।उसका दुख। डिंपल उस डायरी को ध्यान से पढ़ती है।उसे समझ आ गया था कि उसे क्या करना है।वो घर वापस आ जाती है।विशाल इधर उधर घूमता रात में वापस आता है।यही सोचते सोचते उसे नींद आ जाती है कि आगे क्या होगा?
अगले दिन उसके घर में अलग सी ही चहल पहल हो रही है। डिंपल भी तैयार होकर सुबह से आ गई है।विशाल की मम्मी कहती है बेटा तू भी तैयार हो जा कुछ मेहमान आ रहे हैं आज।विशाल पहले ही परेशान है और अब ये मेहमान।खैर तैयार होकर नीचे आता है तो क्या देखता है नीरा और उसके मम्मी पापा आए हुए हैं।सभी आपस में बात कर रहे हैं।डिंपल और नीरा तो ऐसे बात कर रहे हैं जैसे बिछड़े साथी हों।
सभी हंस रहे थे विशाल चुप खड़ा था। उसकी मम्मी कहती हैं अरे!हमें पहले क्यों नहीं बताया क्या हम तुझे मना करते नीरा से शादी करने के लिए वो तो डिंपल ने हमें बताया और हमने नीरा के घर बात की।
सारा माजरा समझते अब विशाल को देर नहीं लगी।वो यही सोच रहा है कि काश सबकी जिन्दगी में डिंपल जैसी सिंपल सी दोस्त हो।उधर डिंपल यूं मुस्करा रही है जैसे कुछ हुआ ही न हो।रात भर रोकर वो ये तो समझ चुकी थी कि विशाल खुश तो रखेगा उसको पर प्यार नहीं कर सकता।
प्यार तो सिर्फ एक ही बार होता है उसने विशाल से किया और विशाल ने नीरा से।