श्रध्दांजलि
श्रध्दांजलि
घूँघट उठाते ही वो अचानक जोर से हँस पड़ा।
नेहा चौक गई " क्या हुआ?"
"भूतनी लग रही हो पूरी, गर्मी से मेकअप पिघल गया है, शायद ?"
"भूतनी लग रही हूँ तो शादी क्यों की फिर" नेहा ने थोड़ा रूठकर मुँह घुमा लिया।
"अरे नही , वो क्या है कि बचपन से तुम परी जैसी दिखती थी आज भूतनी जैसी दिखी तो हँसी छूट गई" उसने मज़ाक किया
"आप बचपन से जानते हो मुझे ?" उसने आश्चर्य से पूछा।
" हाँ, स्कूल में फोर्थ क्लास से प्लस टू तक एक ही क्लास में थे हम, बस सेक्शन अलग थे। पीरियड ब्रेक में देखते थे तुम्हे छुपकर।
" चल झूठा कहीं का!! फिर कभी कुछ कहा क्यूँ नही ?"
"संजू की वजह से, कहता था कि मैने पहले देखा है तो मेरी हुई वो"
"हट!!! संजू तो मुझे देख कर ही रास्ता बदल देता था।"
"अरे तूम नही जानती थी उसको, बड़ा कमीना था, बस तुम्हे देखकर शरमाता था"
" फिर कहाँ है आजकल वो"
"मत पूछ यार, बड़ी दर्द भरी कहानी है?"
"अब बात निकली है तो बता भी दो"
" संजू बिना बाप का था, 12वी के बाद माँ भी चल बसी। सब-कुछ बेच-बाच कर बहन की शादी की और रोजी रोजगार के लिए सीआरपीएफ में भर्ती हो गया था। शादी को चार साल हो गए हैं ढाई साल की बिटिया और चार महीने का एक बेटा है। पिछले महीने नक्सली हमले में शहीद हो गया, गया था मैं अंतिम यात्रा में, एकदम जापानी गुड़िया जैसी बिटिया है उसकी। भाभी आजकल बच्चा गोदी में लेकर सरकारी पैसे के चक्कर में भाग दौड़ कर रही है। बेटी वही उसके बड़े पापा के पास है"।
"ओह! बहुत बुरा हुआ"
" अच्छा छोड़ो ये सब, आज हमारी सुहागरात है, बत्ती बुझाओ, हम प्रोग्राम शुरू करते है" उसने नेहा को बांहों में भरना चाहा लेकिन वो छिटक गई।
"पहले मेरा गिफ्ट निकालो "
बन्दा पूरी तैयारी से था, झट से जेब में हाथ डालकर सोने की हार पेश कर दिया।
नेहा ने कोई उत्साह नही दिखाया तो उसने पूछा " तो क्या चाहिए बाबा"
नेहा ने धीरे से कहा " क्या हम संजू की बिटिया को रख ले, जब तक उसके परिवार में सबकुछ ठीक नही हो जाता"
"अरे!ये भी कोई पूछने की बात है पगली, मै कल ही भाभी से बात करता हूँ।" ये कहते हुए उसने नेहा को बांहों में ले लिया ।