शीर्षक:हिंदी दिवस इतिहास
शीर्षक:हिंदी दिवस इतिहास
हिंदी दिवस पर
किसी देश का साहित्य और भाषा उस देश की जनता और समाज का दर्पण होता है। आज विश्व भर में ६००० से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें से २२००से अधिक भाषाएं अकेले एशिया में बोली जाती हैं। हिंदी भाषा चीनी और अंग्रेजी के बाद विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
सन १९४६ में जब संविधान के निर्माताओं के सामने राष्ट्र भाषा के चयन का प्रश्न खड़ा हुआ तो उनके सामने हिंदी ही सबसे अच्छा विकल्प था। उस समय कुछ लोगों ने इस बात का विरोध भी किया था। परंतु अंतिम निर्णय के अनुसार हिंदी व अंग्रेजी को ही आधिकारिक रूप से राष्ट्र की भाषा चुना गया।
हिन्दी दिवस के दिन सभी स्कूल और कॉलेज में हिन्दी दिवस पर निबंध, हिन्दी दिवस पर स्पीच, और हिन्दी दिवस पर लेख आदि लिखे जाते हैं।आज अंग्रेजी स्कूल की परंपरा हैं पर हमारा दायित्व बनता हैं अपनी भावी पीढ़ी को हिंदी भाषा से अवगत कराना ओर महत्व को समझना।
भारत के लोग विश्व के कोने-कोने में फैले हुए हैं। विश्व के १५०से अधिक देशों में २ करोड़ से अधिक भारतीय रहते हैं, तथा वे सभी आर्थिक रूप से समृद्ध हैं। इस कारण विश्व में हिंदी तेजी से फैल रही है। हिंदी भाषा चीनी और अंग्रेजी के बाद सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
मॉस्को देश हिंदी भाषा के पठन-पाठन के क्षेत्र में प्रमुख है। मॉस्को विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा में स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी भी की जा सकती है। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, चीन आदि कई देशों में भी हिंदी पढ़ने की सुविधा उपलब्ध है। हिंदी फिल्मों के बाजार ने दुनिया भर में अपनी जगह बनाई है। भारत सरकार और मॉरिशस सरकार ने मिलकर मॉरीशस देश में विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना भी की है। जिससे हम कह सकते हैं कि, विश्व' हिंदी को आदर व सम्मान मिला है।
हिंदी के सामने चुनौतियाँ
हिंदी भाषा को सबसे बड़ी चुनौती व्यवसाय क्षेत्र दे रहा है। रोज़गार क्षेत्र में हिंदी के बजाए अंग्रेजी को अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए देश के युवा मातृभाषा से दूर हटते जा रहे हैं। परिणामस्वरूप हिंदी नए भारत की संवाद भाषा नहीं बन पा रही है। आज के इस भूमंडलीकरण के युग में हिंदी भाषा अंग्रेजी से कहीं ना कहीं पर पिछड़ती हुई नजर आ रही है। हिंदी भाषा ने देश को साहित्य और सामाजिक क्षेत्र में पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है।
हिंदी भाषा के साहित्य को जीवित रखने के लिए देश भर में सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। हिंदी को समृद्ध बनाने के लिए इसे ज्ञान की भाषा बनाना बहुत जरूरी है। आज सभी विज्ञान विषय शोध कार्य अधिकतर अंग्रेजी भाषा में ही होते हैं। इसी दौड़ में हिंदी भाषा कहीं न कहीं पिछड़ रही है। यह भी एक बड़ी विडंबना है कि, कई राजनीतिक व सामाजिक कारणों से देश के लोग हिंदी कुछ का विरोध करते हैं। यह समस्या हिंदी के रास्ते में बहुत बड़ी बाधा है। हिंदी भाषा को समृद्ध करने के लिए उसे लोगों के दिलों में बसाना होगा।
हिंदी भाषा को सम्मान दिलाने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास
• २०११ के जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग ४१% लोगों की मातृभाषा हिंदी है,तथा ७५% से अधिक लोग हिंदी भाषा पढ व समझ सकते हैं। १० मई, १९६३ को राज भाषा अधिनियम लाया गया, जिसके अनुसार हिंदी राज्य भाषा व अंग्रेजी को सहायक भाषा बनाया गया।
• १९६७ में केंद्रीय हिंदी समिति का गठन किया गया।
• १९७१ में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो का गठन किया गया।
• १९७५ मैं गृह मंत्रालय ने एक स्वतंत्र राजभाषा विभाग बनाया, इसका कार्य दूसरे विभागों के साथ मिलकर राज्य भाषा संबंधी संविधान प्रावधानों का पालन करवाना था।
हिंदी दिवस की विशेषताएं तथा रोचक बाते
हिन्दी भाषा विश्व में चौथी ऐसी भाषा है, जिसे सबसे ज्यादा लोग बोलते हैं।
फिजी नाम का एक द्वीप में हिन्दी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है • सन् २०१७ में ऑक्सफोर् डिक्शनरी में "अच्छा,बड़ा दिन, बच्चा और सूर्य नमस्कार" हिन्दी शब्दों को शामिल किया गया।
हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है।
इंटरनेट की दुनिया में अब सर्च इंजन गूगल में भी हिन्दी भाषा को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि घर घर तक लोग आसानी से इंटरनेट का उपयोग कर सके और जादा जानकारी ले सके।