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Neerja Sharma

Drama

4.9  

Neerja Sharma

Drama

शाइनिंग स्टार

शाइनिंग स्टार

2 mins
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बात उन दिनों की है जब मैंने नई-नई नौकरी ज्वाइन की थी प्राथमिक अध्यापिका के रूप में। छोटा सा स्कूल था और दूसरी कक्षा की क्लास टीचर। हिन्दी पढ़ाती थी, प्रयास यह रहता कि हर बच्चा सुन्दर लिख सके। बचपन में जो आदत एक बार पड़ जाती है उसे छोड़ना मुश्किल। धीरे-धीरे काफी बच्चों ने सुन्दर लिखना शुरू कर दिया। एक बच्चे में बहुत कम सुधार था। जल्दी लिख वह दूसरों से बातें करता। उस दिन भी उसने सबसे पहले लिखा और आगे पीछे बातें शुरु। मैं उसे समझाने उसके पास गई तो जैसे ही उसके कंधे पर हाथ रखने लगी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मुझे हैरानी हुई इतना छोटा बच्चा और... "मेम पहले हाथ दिखाओ" और मुझे हंसी आ गई।

"क्यों क्या हुआ?"

"नहीं आप पहले हाथ दिखाओ फिर बताता हूँ। मैंने अपना हाथ उसके आगे कर दिया उसने हाथ देखा और बड़ी मासुमियत से मुझे कहा "आप मुझे मार सकती हैं।" मैंने उसे कहा "बेटा मैं तो मारने नहीं आई थी।"

"नहीं आप मार सकती हो क्योंकि आपके हाथ के नेल्स बड़े नहीं है।" मुझे एकदम से कुछ समझ नहीं आया।

"मेरे चेहरे पर यह निशान देख रही हो यह मेरी मम्मी के नेल्स के निशान है।"

एक साँस मैं वह तो सब कुछ कह गया पर मैं सोचने पर मजबूर हो गई कि कोई माँ इतनी कठोर कैसे हो सकती है!

स्थिति संभाल मैंने उसे कहा "अरे नहीं, मैं तो तुम्हारी कॉपी में स्टार देने आई हूँ। तुम ने सबसे पहले काम किया है ना।" उसने एक बार अपनी कॉपी को देखा और एक बार मेरी तरफ, उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं उसके इस लेख के ऊपर उसे स्टार दूंगी। जल्दी से कॉपी रख बोला "मेडम अभी दोबारा लिख कर दिखाता हूँ।"

उस दिन उसकी आँखों की चमक और मेरी खुशी का पारावार न था।

अपने दोबारा लिखे पेज के स्टॉर को मुझे दिखाते हुए बोला, "मेम कल शाइनिंग स्टार लूंगा।"


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