Dr. Pooja Hemkumar Alapuria

Drama

2.5  

Dr. Pooja Hemkumar Alapuria

Drama

शादी में जरूर आना

शादी में जरूर आना

6 mins
347


पिछले कई महीनों से सलोनी के बैंक के कई काम रुके पड़े थे I अक्सर बैंक जाने की सोचती मगर कुछ न कुछ काम निकल आता और ....I ऑफिस की आज छुट्टी थी तो सोचा यही काम निपटा लिया जाए I वैसे भी बैंक के सभी काम अनमोल ही सँभालते है I घर का फटाफट काम निपटा सलोनी बैंक पहुँची I बैंक में काफी भीड़-भाड थी I सलोनी भीड़ देख समझ गई आराम से एक-डेढ़ घंटा तो लग ही जाएगा I कोई बात नहीं बेटा अब आ गए है तो काम निपटा कर ही जाऊँगी I एक लाइन में कुछ लोग ही खड़े थे I सलोनी ने सोचा पहले यही किया जाए, तब तक बाकी लाइन में भीड़ कम हो जाएगी I सलोनी भी लाइन में लग गई I सलोनी इंतजार कर रही थी अपना नंबर आने के लिए I तभी एक अधेड़ चुलबुली प्रवृति वाली महिला सलोनी के आगे आ कर खड़ी हो गई I सलोनी कुछ कहती, मगर उसके मन ने कहा कोई बात नहीं I उम्र में काफी बड़ी हैं जाने दो I अगर पाँच मिनट ज्यादा लग भी गए तो क्या ? हो सकता है पहले से ही इस लाइन में हो I शायद कुछ अधूरा रह गया होगा और अपने आगे खड़े आदमी से बोलकर गई हों I खैर ...I

     महिला हाथ में सभी कागजात लिए खड़ी थी I हाथों में एक मूवमेंट सी चल रही थी I जिसप्रकार बच्चों में अपने पसंद की चीज पाने की ललक और उतावलापन होता है, वैसे ही वह भी कुछ उतावलापन लिए हुए थी I

     सलोनी ने उनसे बात करना शुरू कर दिया I शायद बातों की तारतम्यता में उनका उतवलापण कुछ कम हो जाए I काकी आपको फॉर्म भरना है ? लगता है काफी देर से परेशान हैं इस फॉर्म को लेकर I

     हाँ, बेटा फॉर्म तो भरना है I कब से चक्कर लगा रही हूँ कभी इस लाइन में तो कभी उस लाइन में I कभी ये काउंटर पर तो कभी वो काउंटर ... I


कैसा फॉर्म है जो आपको इतना दौड़ा रहे हैं ये लोग ?

 क्या बताऊँ बेटा I बस पूछो मत I “जीवन प्रमाण पत्र” का फार्म भरना है I

जीवन प्रमाण पत्र ? यह किस लिए होता है ?

     सभी पेंशनभोगियों को साल में एक बार जीवन प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है I और यह हर साल अक्टूबर – नवम्बर में ही होता है I बेटा इसके लिए कितनी लम्बी-लम्बी लाइन लगती है I किस्मत अच्छी हुई तो एक बार में ही काम हो जाता है I नहीं तो कभी सॉफ्टवेयर का झंझट तो कभी इन्टरनेट का I बड़ी मुसीबत है I जीने और खाने के लिए पैसा तो चाहिए I ये बुढ़ापे का शरीर और ये ....I

अगर यह फॉर्म न भरा जाए तो ?

 अगर यह फॉर्म नहीं भरा जाएगा तो पेंशन रोक दी जाती है I तब तो इससे भी ज्यादा भाग-दौड़ बढ़ जाती है I

वह कैसे ?

नेक्स्ट ?

( सलोनी के आगे खड़ी महिला काउंटर पर फॉर्म आगे बढ़ाते हुए ) बेटा ये लो I

नाम बताओ ?

फॉर्म में लिखा है न I ( कुछ मसखरी भरे अंदाज में )

काकी मुझे पता है फॉर्म में नाम है I नाम बताओ I

(मुस्कुराते हुए ) मीनाक्षी I

पासबुक लाइ हो ?

हाँ ! (पासबुक आगे बढ़ाते हुए ) ये लो I

वेरीफाई नहीं करवाया फॉर्म ?

पिछली बार तो पहचान के डॉक्टर ने वेरीफाई कर दिया था I

इसबार भी उन्हीं से करवा लेती I

     मैं गई थी मगर डॉक्टर चिल्ला रहा था I मैं क्यों सिग्नेचर करूं I किसी और के पास जाओ I अब बेटा मैं कहाँ – कहाँ धक्के खाऊं? हर महीने तो पेंशन आती ही है, तो वेरीफाई की क्या जरूरत ?

     जरूरत होती है इसलिए ही कहा जाता है I बिना वजह तंग करना हमारा काम नहीं हैI

नौकरी करती हो ?

     मैं ?

हाँ आपसे ही पूछ रहा हूँ I

नहीं I (एक विषण्ण मुस्कान में)

पेंशन खाता है ?

हाँ !

नौकरी करती थी ?

नहीं !

फिर ये पेंशन ?

पति गवर्मेंट जॉब में थे I

अच्छा I फॅमिली पेंशन है I

हाँ, फॅमिली पेंशन है I

बच्चे ?

चार बच्चे है I

(पीछे मुडकर ) कितने सवाल कर रहा है ?

जाने दो काकी I उनका काम है I

फॉर्म बराबर भरा है क्या ? कुछ बाकि तो नहीं I सुबह से चक्कर लगा रही हूँ I कभी एक नं. काउंटर तो कभी ....I

शादी की क्या ?

(बड़ी जोरदार हँसी का फब्बारा छोड़ते हुए ) अभी तो कहा पति गवर्मेंट जॉब में थे I तभी तो पेंशन मिल रही है I कैसी बात करते हो ? पूछने से पहले....I

शादी की क्या ? ( बैंक कर्मचारी फिर से सवाल दोहराता है )

अभी तो बताया I

मेरा मतलब है आपने दूसरी शादी की क्या ?

तोबा-तोबा ! कैसी बात करते हो बेटा I पूरी जिंदगी बीत गई I अब इस बुढ़ापे में दूसरी शादी करूँगी I 

हाँ या ना ...I

नहीं की I

  उस महिला और बैंक कर्मचारी की वार्तालाप लाइन में खड़े सभी सुन रहे थे I कोई कर भी क्या सकता था I

( शर्म से पानी-पानी हुई महिला सलोनी से कहती है ) कुछ भी पूछता है I अच्छा हुआ बच्चे नहीं आए I सुनते तो पता नहीं क्या बबाल होता ...I

     काकी जाने दो उनका काम है I शायद कुछ फोरमल्टी होती होंगी बैंक की I इसलिए ...I

(बैंक कर्मचारी एक फाइल आगे बढाता हुआ ) यहाँ सिग्नेचर करो I डेट और मोबाइल नंबर भी लिखना I

     अधेड़ मिनाक्षी फाइल हाथ में सँभालते हुए कहती है, “पेन है क्या ?”

ये लो काकी I (सलोनी पेन आगे बढाती है )

     महिला साइन कर फाइल आगे बढ़ाती है I

डेट और मोबाइल नंबर भी लिखना है I (कुछ रूखे स्वर में )

 कहाँ लिखना है डेट और मोबाइल ? (महिला सलोनी से पूछती है )

काकी साइन के नीचे डेट लिख दो और बॉक्स के साइड में मोबाइल नंबर I

     मीनाक्षी फाइल वापस करती उससे पहले ही बैंक कर्मचारी बोला, “ तुमने साइन क्यों किए ? बैंक रिकॉर्ड में तो अंगूठा है ? तुम्हारा ही अकाउंट है या किसी और का ?”

     मीनाक्षी कुछ गंभीर स्वर में बोली, “ अकाउंट मेरा ही है I मैं कभी अंगूठा नहीं लगती I पढ़ी-लिखी हूँ I साइन करना जानती हूँ I रिकॉर्ड बराबर चेक करो I मीनाक्षी साठे I लगता है आप किसी और मीनाक्षी से टेली कर रहे हैं I”


मीनाक्षी साठे ! पूरा पेज मीनाक्षी का है I गलती से ‘मीनाक्षी काटकर’ का रिकॉर्ड देख लिया I सॉरी

I

     लगभग दो मिनट बाद काकी का काम हो गया I सलोनी भी सोच रही थी छोटी लाइन सोच कर इस लाइन में लगी थी I मगर कितना वक्त लग गया I चलो जो हुआ I काकी ने अपने सभी पेपर और पासबुक वगैरह समेटी और चलते-चलते बैंक कर्मचारी को कहा, “शादी में जरूर आना !”

 वह सुन नहीं पाया I

     ( बड़े ही मजाकिया और रंगीन मिज़ाज में मीनाक्षी कहती है ) बेटा आपसे कह रही हूँ शादी में जरूर आना I 

     जाते-जाते सलोनी के कान में फूंक मार ह काकी की बात सुन लाइन में खड़े सभी लोग खिलखिला उठे I दी, “शादी में जरूर आना I”



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