सेहत खराब
सेहत खराब
शादी के बाद आदर्श बहू बनते हुए सरोजिनी ने घर बाहर के सभी कामों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ओढ़ ली।
परिवार वाले भी अपना काम उसे सौंप निश्चिंत थे। लेकिन आदर्श बहू बनने के चक्कर में रहने लगी उसकी सेहत खराब। इसे ही कहते हैं यारों आ बैल मुझे मार।