सच्चा साथी
सच्चा साथी
मिष्ठी की आज रिसेप्शन थी
पार्टी में सभी मायके वाले भी आये थे। बहुत खुश थी मिष्ठी अपने परिवार से मिलकर। सदियों बाद मिल रही हो जैसे! कितना मुश्किल है अपने मायके को छोड़ ससुराल आना। स्टेज पर सब कैमरे में एक-एक कर उस दृश्य को संजोने में लगे थे। तभी मिष्ठी ने देखा उसके ससुर गिफ्ट की अगूंठी लेने से मना कर नाराजगी जता रहे थे। कारण था कि वह अगूंठी शादी पर न दे कर अब उपहार में दी गयी थी। मिष्ठी के अश्रु गालों तक आ गए थे।मायके के सब लोग उदास और मायूस थे। तभी दामाद जी यानि मिष्ठी के पति उठे कि "आप सब लोग परेशान नहो।" फिर सासू माँ को बोले "अब से जीवन के हर उतार-चढाव पर मिष्ठी मेरी जिम्मेदारी है।" और सब के साथ मिलकर डांस पार्टी एन्जॉय करने लगे।मिष्ठी मन ही मन प्रभु का शुक्रिया अदा कर रही थी। दोस्तों सच ही तो है ससुराल में अगर जीवन साथी आपके हर सुख हर दुःख को समझने वाला हो तो जिंदगी में हर परिस्थिति में खुश रहा जा सकता है।
