STORYMIRROR

Neetu Lahoty

Drama

4.3  

Neetu Lahoty

Drama

साझा दर्द

साझा दर्द

1 min
959


"मेमसाहब, आज फिर साहब से झगड़ा हो क्या ?

ये, मरद लोग कभी भी औरत की भावनाओं को नहीं समझ सकते !"

"अब आप आँसू पोंछो मैं आपके लिये बढ़िया सी चाय बनाती हूँ। "

"कजली, तेरी पीठ पर ये नील का निशान कैसा ??क्या आज फिर राजू ने."

" छोड़ो न मेमसाहब, ये तो रोज की बात है !कजली, सुन एक कप चाय तेरे लिये भी बना लेना !"

खौलती चाय ने दोनों के साझा दर्द महसूस कर लिये थे.....


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama