और पेपर फाड़ दिया
और पेपर फाड़ दिया


बात उस समय की है जब मैं पाँचवी कक्षा की विद्यार्थी थी, हमेशा क्लास में टॉप करती थी, कभी मार्क्स कटे ही नहीं!
एक बार हमारी हिंदी की मैडम ने क्लास टेस्ट लिया उसमे मेरा आधा नंबर मेरी दोस्त से कम आया,
तब पहली बार महसूस हुआ की ईर्ष्या क्या होती है, जलन किसे कहते है।
मैं तुरंत अपनी टीचर के पास गयी और आधा नंबर कम क्यों आया इसकी वज़ह पूछी ??
मैडम ने कहा, "अपनी हैंड राइटिंग देखो और अपनी दोस्त की राइटिंग देखो।"
मैंने आव देखा न ताव उसका पेपर फाड़ दिया।
आज भी जब उस घटना को याद करती हूँ तो अफ़सोस होता है कितनी गंदी हरकत करी थी मैंने!
ईर्ष्या कितनी घटिया भावना है जो इंसान को कितना गिरा देती है!