आज संजय के क़दम सियारूपी बेड़ियों से आज़ाद हो कर उजाले की ओर बढ़ चले थे, परन्तु उसने इन उजालों की क़... आज संजय के क़दम सियारूपी बेड़ियों से आज़ाद हो कर उजाले की ओर बढ़ चले थे, परन्तु ...
ईर्ष्या कितनी घटिया भावना है जो इंसान को कितना गिरा देती है! यच तो है यह बात... ईर्ष्या कितनी घटिया भावना है जो इंसान को कितना गिरा देती है! यच तो है यह बात...