रूहानी इश्क़
रूहानी इश्क़
प्यार का पहला एहसास जो रिया को बर्फ़ कि उस कोमल छुअन के जैसा लग रहा था । उसका रोम –रोम गुलाब की पंखुडी जैसा महक रहा था ,रह-रह कर रिया के कानों में लव के वो शब्द ‘’रिया मैं आज के दिन को इतना खुबसुरत बना देना चाहता हूँ कि तुम साँस भी लो तो वो भी तुम्हे मेरे होने का एहसास दें ।तुम खुद में मुझे जीने लगो एक-एक पल तुम मेरे बिना जी न सको बस इन्तजार आज की शाम का ‘’
और रिया चौंक कर घड़ी कि तरफ़ देखती है ।लव कि आंखे उसे अपने आस-पास महसुस होती है उसका शरीर एक अज़ीब से एहसास से महक उठ्ता है ऽअज वो खुद को आईने के सामने ल्व कि नज़र से निहारती है ,उसे अपनी खुबसुरती पर खुद ही प्यार आता है । आज वो खुद को इतना संवारना ,सजना चाहतीहै कि लव उस पर मर मीटे ! वो लव से आज पहली बार मिलने वाली थी । यूँ तो उनकी दोस्ती को 3साल हो गए थे रिया ने तो लव की फोटो देखी थी पर लव ने उसे अभी तक नही देखा था बात करीब तीन साल पहले कि है दोनो कि दोस्ती फ़ेस बुक पर हुई थी । लव एक दम सिंपल व्यक्तित्व और रिया बिलकुल उसके अपोजिट गलती से भी दोनों कि थिकिंग मैच नही करती थी। एक दिन अचानक लव उसे प्रपोज़ कर देता है ।लेकिन रिया उस का प्रपोज़ल ठुकरा देती है । और सोचती है किसी को देखे जाने बिना कोई कैसे पसन्द कर सकता है । वो दोनो अच्छे दोस्त थे और काफ़ी वख्त एक दुसरे को देते भी थे । और लड़ाई तो इतनी होती थी कि एक दिन गुस्से में रिया लव को अनफ़्रैन्ड भी कर देती है । पर भगवान भी उन दोनों को मिलाने के रास्ते निकाल ही देता था । और दुबारा दोनों एक नौरमल फ़्रैन्ड से बडी बन जाते है । काफ़ी टाइम रिया के साथ बात करते करते लव को उसका व्यवाहर कुछ बदला सा लगता है वो उसके प्रति कुछ केयरिंग सी हो जाती है । लव हिम्मत कर एक बार फिर प्रपोज़ करता है और इस बार रिया मना नही कर पाती लव ने रिया के मन में अपनी छाप कुछ इस कदर छोड़ दी होती है कि कुछ दिन लव से दूर हो कर रिया को उसका प्यार समझ आ जाता है । जिस पल का इन्तजार लव तीन साल से कर रहा होता है अपनी उस वैलनटाइन को मिलने को मिलने के लिए वो 14 फ़रवरी का बेसब्री से इन्तजार
करता है । आज वो रिया के सामने खुल कर अपने प्यार का इज़हार जो करने वाला था शाम के केंट बजे दोनों ने धनौल्टी के एक काँफ़ी हाउस में मिलने का फ़ैसला किया था । चारों तरफ़ बर्फ़ कि चादर जैसे गुलाब कि पँखुड़ीओ जैसे बिछी हुई थी । लव बड़ी बेसब्री से उसका इन्तजार कर रहा होता है । और यही सोचता है कि वो उसे पहचानेगा कैसे । तभी उसे लाल रंग कि शिफ़ान कि साड़ी ,कमर तक खुले लम्बे बाल ,रुई कि भाँति एक लड़की अपनी तरफ़ आती हुई दिखाई देती है । लव का दिल रिया कि सुन्दरता को देख जोर से धड़कने लगता है और महसुस करता है शायद रिया मुझे पसन्द न करे ।
तभी रिया उसके करीब आ प्यार से मुस्कराती है और दोनों बाहें फ़ैला उसके सीने से लग जाती है । लव उसे प्यार से अपने से अलग करता है । और प्यारी सी रिंग निकाल रिया कि तरफ़ प्यार भरी नजरों से देखता है और कहता है …!
‘’ तेरे हुस्न के आगे मेरी सुरत कुछ भी नही
पर एक वादा है ,मेरा प्यार कोहिनूर के हीरे सा होगा
चाँद ,तारे ज़मीं पर ला सकता नहीं पर प्यार मेरा
चाँद ,तारों का सा एहसास तुझे ज़मीं पर देगा
हीरे मोतीओ से तुझे सजा तो सकता नहीं
पर वादा है , मेरा प्यार पा कर तु हीरे मोती सी
दमकने लगेगी……
रिया शर्म से लाल हो जाती है ,और भीगे हुए नयनों से लव कि तरफ़ देखती है लव मुस्करा कर वो रिंग उसकि अँगुली में पहना देता है।