ज़ज्बातो को लफ़्ज़ों में उतार एक ऐसी ज़मी तैयार करना जहाँ हर एक के एहसास मुक़ाम पाते हों ।
हिंदी से एम . ए
पंडित ललित मोहन शर्मा गढ़वाल विश्वविद्यालय
लेखन ...बरसात की एक शाम कविता संग्रह
औरत दास्ताँ एक दर्द की नाट्य विद्या
जिंदगी कैसी है पहेली नाट्य विधा
सूफियाना इश्क़ e book
अनेक पत्र पत्रिकाओं... Read more
ज़ज्बातो को लफ़्ज़ों में उतार एक ऐसी ज़मी तैयार करना जहाँ हर एक के एहसास मुक़ाम पाते हों ।
हिंदी से एम . ए
पंडित ललित मोहन शर्मा गढ़वाल विश्वविद्यालय
लेखन ...बरसात की एक शाम कविता संग्रह
औरत दास्ताँ एक दर्द की नाट्य विद्या
जिंदगी कैसी है पहेली नाट्य विधा
सूफियाना इश्क़ e book
अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख
लेखन को अपना कैरियर बनाने की ललक Read less