#रंगबरसे (लालरंग)
#रंगबरसे (लालरंग)
मेहंदी रचे हाथों और सुर्ख लाल जोड़े में सजी बैठी स्नेहा का इंतज़ार विजय की आवाज़ ने भंग किया। स्नेहा, मातृभूमि ने बुलाया है, जाना होगा, मुझे माफ़ कर देना।
स्नेहा - सबसे पहले माँ भारती के लिए फर्ज़ है आपका, आप जंग जीतकर आओ, मैं इसी लाल जोड़े में आपका इंतज़ार करूँगी।
दो दिन बाद टेलीविज़न पर खबर आई... हमारे जांबाज सैनिक विजय सिंह ने दुश्मन फ़ौज के खून से धरती लाल कर दी...चौकी पर कब्ज़ा हो गया परंतु विजय वीरगति को प्राप्त हो गए।
इंतज़ार करती स्नेहा के जीवन में लाल रंग अभी भी है, गर्व का, सम्मान का, वीरांगना का।
