A Mani Sharma

Classics Fantasy

3.2  

A Mani Sharma

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राधा और कृष्णा

राधा और कृष्णा

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कृष्णा, एक गरीब माँ का एकलौता दुलारा बेटा गांव की स्कूल का आठवी का छात्र है। उसी स्कूल में पढ़ती है राधा, सुशील, सुंदर, पढ़ने में तेज और जीवन का लक्ष्य था CA पढ़ना और अपनी बहन को engg पढ़ाना। राधा के पिता नही थे। ज़िम्मेदारी का एहसास राधा में समा चुका था। वह स्कूल साईकल से जाती थी। कृष्णा भी साईकल से ही जाता था। वह पढ़ने में बहुत अच्छा नही था। हमेशा पढ़ाई को लेकर राधा से मदद लेता था। राधा भी उसे अपना notes देती थी। हर संभव मदद करती थी। दसवी कक्षा के बाद दोनों ने पास के शहर में Intermediate में दाखिला लिया। कृष्णा मन ही मन राधा को चाहता था। orally कहने की हिम्मत नही थी। सो उसने चिट्ठी लिखकर उसके notes में रख दिया। राधा इस बात से अनभिज्ञ थी। एक दिन जब वो घर पर पढ़ रही थी तो पंखे की हवा से वह चिट्ठी उड़कर नीचे गिर गयी और उसकी माँ के हाथों में पहुंच गई। माँ ने बिना कुछ कहे उस चिट्ठी को लेकर दूसरे ही दिन Principal तक पहुँचा दिया। Principal sir से अपनी बेटी को लेकर चिंता व्यक्त किया। प्राचार्य ने बड़े ही सहजता के साथ कहा कि आप चिंता ना करे। हम लोगो के पास leave letters से ज्यादा love letters ही आते है।

आपकी बेटी समझदार है, आप निशचिंत होकर घर जाए। प्राचार्य ने कृष्णा को office में बुलाया। सारी बातों से अनजान कृष्णा principal साहब के सामने खड़ा है। चिट्ठी दिखाकर सर ने पूछा ये क्या है? राधा की माताजी ने मुझे दिया है। हकलाते हुए कृष्णा ने कहा सर Love Letter है। क्या Radha भी तुमसे प्यार करती है। आगे सर ने पूछा। yes sir, कृष्णा ने कहा। तुमने उसे अपने दिल की बात बताई? सर ने फिर पूछा? उसीकेलिये तो चिट्ठी उसके notes में रखा था सर। बड़ी मासूमियत से जवाब दिया। अगर वो इनकार कर दे तो? सर का अगला प्रश्न। नही सर। वो इनकार नही करेगी सर कृष्णा का विश्वाश बोल पड़ा। तुम इतने विश्वास से कैसे कह सकते हो? प्राचार्य ने फिर सवाल किया। सर वो जब भी मुझे देखती है तो हसती है, मुझे notes भी देती है, उसके घर जाने से चाय पिलाती है, मैं tiffin नही लेजाता तो अपना खाना share करती है। सर वो मुझसे बहुत प्यार करती है। 

प्राचार्य ने कृष्णा को पर्दे के पीछे खड़ा करवाके, राधा को बुलवाया। बातों के क्रम में राधा ने बताया कि वह अपने जीवन में पढ़ाई के अलावा और कोई चीज़ को नही जानती । Love के बारेमें टटोलने से पता चला कि उसके लिए प्यार का मतलब परिवार और सिर्फ परिवार है। कृष्णा ने सारे बातों को सुना। राधा को भेजकर सर ने कृष्ण से कहा। बेटा तुम अभी adolescent हो और ऐसी बातों का दिलोदिमाक में आना बिल्कुल सहज है परंतु एक बात मेरी भी सुनलो। love का मतलब पता है तुमको? चलो बताओ life का क्या मतलब है? Love पता नही, life पता नही? क्या पता है? Park में घूमना, पिक्चर देखना, बातें करना यही love है? यदि सब यही सोचता तो आज हमारी दुनिया कंगाल हो जाती। वो कहते है न smoking is injurious to health, उसी तरह मुझे ये कहना होगा कि love that comes without responsibility is injurious to health.

यदि तुम्हारे जैसा सचिन तेंदुलकर भी अपने adolescence में प्यार के नाम पर पार्क, पिक्चर घूमते तो हमारे देश को एक अच्छा क्रिकेटर कहाँ से मिलता। वो पहले ground आया practise किया, एक बड़ा क्रिकेटर बना और फिर शोहरत और नाम के साथ प्यार भी सामने आया। ये समय के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तन है mere dost, जो शरीर की ऊर्जा को दिशा देते है। इस दिशा को हमे ही तय करना है। इसको जो समझ जाते है वो कुछ कर जाते है, कुछ बन जाते है लेकिन दूसरी तरफ यदि आप चूक जाते है तो दिशा बदल जाती है क्योंकि यह स्टेज Lots Of Varing Emotions का होता है जिसे हम LOVE समझ लेते है। इस उम्र में यदि अपने आप को नही संभाला तो कभी राधा, कभी सीता, कभी रीता और कभी कोई और दिखता है। यदि लव सच्चा है तो याद रखना तुम्हारे प्रायोजक हुए बिना इसको साकार करना भी अर्थहीन होगा। यदि तुम्हारा प्यार सच्चा है तो पहले कुछ बनो फिर ज़िन्दगी देखो कितनी खूबसूरत हो जाएगी। सच्चा प्यार ज़िन्दगी को उन्नति की ओर लेजाता है पतन की ओर नही। प्यार time pass और time waste नही होना चाहिए। प्यार है तो ज़िन्दगी है ये सोचते है युवा लेकिन सच तो यह है कि ज़िन्दगी है तो प्यार है। love is a part of life, बेटा ज़िन्दगी बनालोगे तो प्यार उसे खूबसूरत, समृद्ध, सुखमय और स्वर्ग बना देगा। और यदि ज़िन्दगी नही बनी तो सिर्फ प्यार ज़िन्दगी में निराशा, दुख और तकलीफ देगा। जाओ जी जान लगाकर पढ़ो और प्यार के काबिल बनो।

कृष्णा समझ गया।उस दिन से लगातार अपना ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित किया और IIT में select हो गया। गरीब घर का था लेकिन उसकी मेहनत, लगन और सरकार की योजना ने उसकी पढ़ाई में चार चांद लगा दिया। एक अच्छे company में placement हो गया। पहले ही project को पूरा किया और विदेश जाने का मौका मिल गया। कृष्णा के पांव ज़मीन पर नही थे। खुशी का ठिकाना नही था। लेकिन इन सालों में वह कभी भी राधा को नही भूला क्योंकि उसके achievement के पीछे सिर्फ राधा थी।

खुशी खुशी गांव आया। पूरे रास्ते वह यह सोच रहा था कि राधा कैसी होगी? कही ऐसा तो नही की उसने शादी कर ली? इस सोच से जी घबरा जाता था। गांव पहुचकर माँ से मिला। माँ की खुशी अवर्णनीय थी। थोड़ा संभला और ढेर सारे doubts के साथ राधा के घर की ओर चल पड़ा। वही मिट्टी का छोटा सा घर, टूटा फूटा दरवाज़ा। गांव मे बहुत कुछ बदल गया था। लेकिन राधा का घर ज्यो का त्यों था। बहुत देर तक आवाज़ दिया जब राधा नही आई तो दरवाज़े को हल्के से touch किया और वो खुल गया। अंदर का दृश्य देखकर कृष्णा का मन भारी हो गया। एक छोटासा बच्चा चटाई पर बैठकर खेल रहा था और राधा सब्ज़ी काट रही थी। कृष्णा को देखकर राधा ने कहा अरे कृष्णा आओ बैठो, कैसे हो, कब आये, तुम तो बहुत बदल गए इत्यादी। कृष्णा के होंठ जैसे सील गए। वह कहना चाहता था पर आज ज़ुबान साथ नही दे रही थी। राधा ने बताया। माँ चल बसी। बड़ी मुश्किल से बहन को engg पढ़ाया। उसकी शादी भी कर दी।

राधा बातें कर रही थी और कृष्णा सिर्फ सुन रहा था। तभी पड़ोस की एक औरत आयी और बच्चे को उठाकर ले गयी। राधा को धन्यवाद दिया। यह देखने के बाद कृष्णा को ऐसा लगा जैसे मरूभूमि में किसीने उसे ठंडे जल का आस्वादन कर दिया हो। थोड़ीसी हिम्मत करके कहा राधा इतनी दूर से आया हूँ थोडासा पानी नही पिलाओगी। कृष्णा उसे नज़दीक से देखना चाहता था। मेहनत की धूल ने राधा को बहुत कमजोर कर दिया था। लेकिन राधा ने घड़े की तरफ इशारा करते हुए कहा कृष्णा ये गिलास लो और वहाँ पर घडा हैं। पानी लेलो। कृष्णा ने कहा नही राधा आज बड़ी दिन के बाद तुम्हारे हाथों से पानी पीने का मौका मिला है please तुम ला दो न। ऐसी बात है तो ठीक है राधा धीरे धीरे खसकते हुए पास में चारपाई के नीचे रखे बैसाखियों को उठाकर खड़ी हुई और पानी लेकर कृष्णा की ओर बढ़ी। कृष्णा के लिए ये मंज़र बडा ही दर्दनाक था। आंखों से अश्रुधारा बहती जा रही थी। होंठ फिरसे एक बार फिर सिल गए। कई प्रश्न दिल में । थोड़ा हिम्मत जुटाकर, अपनी काँपती हुए हाथों से राधा को अपनी बाहों में भर लिया। आंखों में आंसू और होठों पे सिर्फ एक ही बात, राधा मैं बनूँगा तुम्हारे पाँव। मैं बनूँगा तुम्हारे पाँव। I Love you............... आज उसे इस simple sentence का अर्थ समझ आगया था। माँ को heart attack हुआ था। hospital जाते वक्त एक accident हुआ जिसमें माँ और राधा के दोनों पाँव चले गए। राधा जीवन भर के लिए अपाहिज हो गयी।

आज वह स्वेच्छा से राधा को पा सकता था। शादी करके राधा US चली गयी। अच्छे इलाज़ से बिल्कुल ठीक हो गयी। दोनों ने एक संपूर्ण जीवन का निर्माण किया।

प्यार जीवन देनेवाला अमृत होना चाहिए। दुख देनेवाला विष नही। प्यार का स्पर्श गंगा स्नान की तरह पवित्र होना चाहिए, स्वार्थी बनानेवाला पाप नही। प्यार एक पवित्र एहसास है जिसे स्वार्थ से दूर रखना चाहिए। प्यार से व्यक्ति की उन्नति होनी चाहिए पतन नही।


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