Mahesh Dube

Thriller

1.0  

Mahesh Dube

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क़त्ल का राज़ भाग 4

क़त्ल का राज़ भाग 4

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क़त्ल का राज़ 

भाग 4

    अब रामबचन को चौधरी में नई दिलचस्पी पैदा हुई। उसने चौधरी और उसके गुर्गों को बाहर इंतजार करने को कहा। चौधरी अपने साथियों सहित कान्ता पर नजरों से भाले बरछी बरसाता बाहर चला गया।  

        अब रामबचन कान्ता से मुखातिब हुआ "हाँ तो मैडम जी! का नाम है तुम्हारा?

जी कान्ता गुप्ता 

इहाँ का करती हो आप?

मैं साहब के ऑफिस का सब काम देखती हूँ एक तरह से सेक्रेटरी कम रिशेप्सनिस्ट कह सकते हैं 

कितने साल से हो इधर?

चार साल हो गए सर! कान्ता बोली और सुबकने लगी।

ओके। कल क्या हुआ था तफ़सील से बताइए 

जवाब में कान्ता ने चौधरी से हुए मंगतानी के झगड़े के बारे में बताया और आज चौधरी की बदला लेने की नीयत से आने के बारे में भी सब कुछ बता दिया। रामबचन ने उसे भी बाहर जाकर इंतजार करने को कहा फिर साने की ओर देखकर और मूंछ पर हाथ फेरता हुआ बोला, यार शाने! ये तो एक दम ओपन एन्ड शट केस निकला। कांस्टेबल जो अपना नाम साने की जगह शाने बुलाये जाने पर अंदर ही अंदर रामबचन से चिढ़ता था पर प्रकट में बोला, कैसे सर? 

रामबचन अमर सिंह की नक़ल करता हुआ बोला, कल धमकी दी और आज आकर खून कर दिया वैरी सिम्पल। ये नेता गिरी की आड़ में छुपे गुंडे हैं लेकिन अब आए रामबचन के चंगुल में। जब थाने में डण्डा परेड होगी तो खुद गा-गा कर कबूलेगा अपना गुनाह!

अचानक ऑफिस में अमर सिंह का आगमन हुआ। धड़ाधड़ सैल्यूट पड़ने लगे। रामबचन अपनी मोटी तोंद संभाले खड़ा हुआ और अपने अफसर को जोरदार सैल्यूट देता हुआ तनकर खड़ा हो गया। क्या हाल है रामबचन? कहाँ तक पहुंची तफ्तीश?

सर लगभग ख़त्म ही समझिए। कातिल चौधरी बाहर ही खड़ा है। मैडम का बयान सुनकर मैं इस नतीजे पर पहुँच चुका हूँ कि वही खूनी है और कोई हो ही नहीं सकता।  

रामबचन का उत्साह देखकर अमर को हंसी आ गई। उसने भीतर जाकर मौके का अच्छी तरह मुआयना किया। अंदर मंगतानी की लाश की खोपड़ी पीछे से बुरी तरह फटी हुई थी जिसमें से रक्त की धार बहकर कुर्सी और जमीन पर बहकर सूख चुका था। बगल में शीशे की वजनी ऐश ट्रे पड़ी थी जिसपर भी खून लगा हुआ था फिर रामबचन से पूरी स्टोरी सुनकर बोला, रामबचन! इतने साल पुलिस की नौकरी में घास ही खोदी है क्या? लाश की अकड़ी हुई हालत साफ़ बता रही है कि उसकी मौत हुए कई घंटे बीत चुके हैं। किसी भारी चीज के वार से फूटी खोपड़ी से निकला खून सूखकर काला पड़ चुका है और चौधरी अभी थोड़ी देर पहले यहाँ आया है वो कैसे कातिल हो सकता है?

साने मुंह फेरकर मुस्कुराने लगा। रामबचन पर मानो घड़ों पानी पड़ गया। उसका चेहरा लज्जा से लाल हो गया। लेकिन अमर ने आगे कहा, लेकिन इसी बिना पर चौधरी निर्दोष भी नहीं माना जा सकता। हो सकता है उसने रात में ही आकर मंगतानी का खून किया हो और सबेरे फिर दिखावा करने आ गया हो। क़त्ल के मामले में कातिल के पकड़े जाने तक सभी संदेह के घेरे में हैं। 

अब रामबचन के चेहरे पर थोड़ी रौनक आई। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और फोटोग्राफर का काम पूरा हो चुका था। लाश उठवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाई गई चौधरी उसके गुर्गे और कान्ता से उनके नाम पते मोबाइल नंबर लिए गए और कल पुलिस स्टेशन हाजिर होने का हुक्म देकर पुलिस विदा हुई।

 

कहानी अभी जारी है .......

क्या हुआ आगे?

पढ़िए भाग 5 


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