प्यार
प्यार
प्यार कभी भी , किसी को भी , कहीं भी हो जाता है। प्यार करने के लिए बस एक ख्याल ज़रूरी है।
वो मेरा डांस टीचर था .... उम्र में मुझसे करीब पन्द्रह साल छोटा। उसकी और मेरी मुलाकात डांस क्लास के अलावा और कहीं नहीं होती थी। मैं "नमस्ते सर" कहती और वह हँस कर ज़वाब में अपना सर हिला देता।
उस दिन डांस स्कूल में एक छोटा सा रँगारँग कार्यक्रम था। सभी अपनी मस्ती में नाच रहे थे। नाचते - नाचते मैं थक गई और रुक कर एक जगह खड़ी हो गई। अचानक उसकी नज़र मुझ पर पड़ी। उसने धीरे से मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखा और बोला "आओ ना।" मैं फिर पूरे जोश से नाचने लगी। उसके कहे उन दो शब्दों " आओ ना " से मुझे प्यार जो हो गया था।
उद्देश्य - ये ज़रूरी नहीं कि प्यार ज़िसमानी हो .... कभी - कभी कुछ शब्द भी प्यार का एक रुप लेकर ख्यालों में उतर जाते हैं।