meeta luniwal

Romance Others

3.5  

meeta luniwal

Romance Others

प्यार और विश्वास

प्यार और विश्वास

4 mins
248


रवि और मीरा की शादी बड़े धूमधाम से हुई थी दोनों खुश थे। पर मीरा को कभी-कभी रवि खोया-खोया सा लगता था वो साथ होते हुए भी जैसे साथ नहीं है।


शादी के कुछ दिन बाद ही मीरा ने अपने घर में एक छोटा सा बक्सा देखा जिसमें हर समय ताला रहता था पर नजर अंदाज कर दिया।


शादी को करीब 2 महीने हुए थे रवि ऑफिस के काम से पास के शहर में गया और शाम तक आने के लिए कह कर गया तो मीरा ने सोचा आज अकेली हूँ तो घर की सफ़ाई कर लेती हूँ वो सफाई करने लगी तो सफाई में उसे एक चाबी मिली वो चाबी मीरा ने उस बक्से में लगे ताले में लगाई तो ताला खुल गया मीरा ने बक्सा खोला तो वो दंग रह गई उसमें रवि के नाम कुछ लेटर थे जो किसी सरिता नाम की लड़की के थे एक लेटर रवि के हाथ का लिखा भी था जो शायद सरिता को दे नहीं पाया होगा कुछ गिफ्ट भी थे।


अब मीरा को बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि मीरा ने रवि को जब कई बार गुमसुम सा देखा तो एक दो बार पूछा था कि उसका किसी लड़की से कोई सम्बंध था या नहीं पर रवि ने हमेशा मना कर दिया था। 


शाम को जब रवि आया तो मीरा ने उसे कुछ नहीं कहाँ जब रात को खाना खा लिया तब मीरा ने चुपके से सारे लेटर पलँग पर जमा दिए जैसे ही रवि कमरे में आया वो लेटर देखकर चौक गया।


रवि ने कहाँ "में ये सब तुम्हें बताकर तुम्हारा दिल नहीं दुखाना चाहता था रवि ने बताया वो और सरिता एक दूसरे से प्यार करते थे और शादी भी करना चाहते थे मगर दोनों के घर वाले तैयार नहीं थे और सरिता की शादी 2 साल पहले किसी और से हो गई उसके अब तो एक बेटी भी है पर में उसे नहीं भूला पाया हूँ आज भी वो मेरे दिल में है, तुम अच्छी हो बहुत अच्छी हो पर में सरिता को नहीं भुला सकता।"


मीरा ने कहा" जब सरिता की शादी हो चुकी है और हमारी भी और वो एक बच्ची की माँ है उसने अपनी दुनिया बसा ली है शायद ख़ुश भी हो औरत शादी के बाद पति बच्चों को ही अपनी दुनिया मानती है और उसी में खुश रहती है। जब वो अपने संसार में खुश है तो हमें भी खुश रहना चाहिए तुम्हें उसे भुला देना चाहिए।"


रवि ने कहा " नहीं मेरे दिल के घर में सरिता ही है"


मीरा ने कहा "अगर दिल में सरिता है तो में कहाँ हूँ मैं क्यों साथ हूँ अगर आपको उसकी यादों के सहारे ही रहना है तो हम दोनों साथ कैसे रह सकते है ऐसी यादों से क्या फ़ायदा जो हमेशा तकलीफ़ दे वो तुम्हें अब नहीं मिल सकती जो तुम कर रहे हो वो गलत है तुम्हें अपने आपको उसकी यादों से आज़ाद करना होगा।


मीरा ने रवि को काफ़ी देर तक समझाया फिर आखिर में कहा "रवि अगर तुम सरिता को भूलना चाहते हो तो सबसे पहले उसकी हर निशानी को मिटाओ, इन लेटर को फाड़कर फेंक दो इस बक्से के हर सामान को तोड़कर फेंक दो क्योंकि जब तक ये तुम्हारे आस-पास रहेंगे तो तुम उसे नहीं भूल पाओगे इन्हें अपने से अलग करना ये तुम्हारा पहला क़दम होगा सरिता को दूर करने का और मेरी तरफ आने का, नहीं कर सकते तो हम दोनों हमेशा के लिए अलग हो जाते है आज तुम फैसला कर लो तुम्हें सपनों में जीकर हम दोनों की जिंदगी ख़राब करनी है या हक़ीक़त का सामना करना है मेरे साथ प्यार से जीना है तो में सरिता को भुलाने में तुम्हारी पूरी मदद करूँगी इस दिल में सिर्फ मेरा राज होगा प्यार से तुम्हारा दिल जीत लूँगी। पर पहला क़दम तुम्हें बढ़ाना होगा सोच लो।" 

इतना कह कर मीरा कमरे से बाहर आकर बैठ गई।


थोड़ी देर बाद रवि बहार आया तो उसके हाथ में फ़टे लेटर और टूटे गिफ़्ट थे जिन्हें ले जाकर रवि ने बहार कचरे पात्र में डाल दिए।


मीरा बहुत खुश थी रवि भी शांत लग रहा था।


अब मीरा रवि का पहले से भी ज्यादा ध्यान रखने लग गई कुछ दिनों बाद मीरा ने रवि से कहा "अब में तुम्हारे दिल के घर में हूँ या नही


रवि ने मुस्कुराते हुए कहा "तुम घर के दरवाजे तक आ गई हो।"


कुछ दिन बाद फिर मीरा ने पूछा तो 


रवि ने कहा " मैं ख़ुद बता दूँगा जिस दिन तुम आ जाओगी।"


ऐसे ही 4 महीने बीत गए एक दिन सुबह-सुबह रवि बहार चला गया थोड़ी देर बाद वापस आया तो वो काफ़ी ख़ुश दिख रहा था, मीरा स्नान कऱ के निकली थी वो काँच के सामने तैयार हो रही थी रवि ने सिन्दूर की डिब्बी मीरा के हाथ से लेकर मीरा की मांग भरी और वो गजरा लाया था वो मीरा के बालों में लगाया और मीरा के हाथों को अपने हाथों में लेकर कहाँ कि अब मेरे दिल के घर में सिर्फ तुम हो, सिर्फ तुम ।


मीरा ने कहा "सरिता "


मीरा कुछ और कहती उससे पहले रवि ने मीरा के मुंह पर हाथ रख दिया और मीरा को गले लगा लिया।


रवि ने कहा " तुम्हारे प्यार और विश्वास ने मुझे जीत लिया।


मीरा बहुत खुश थी आखिर उसके सब्र का फल मिल गया था उसने अपने प्यार, त्याग,

विश्वास और सूझ-बूझ से अपना घर बचा लिया था।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance