प्रतिकूल परिस्थिति से शिक्षा
प्रतिकूल परिस्थिति से शिक्षा
एक गांव में एक परिवार रहता था। उस परिवार में चार सदस्य रहते थे। पति, पत्नी और उनके दो बेटे। वह परिवार में हमेशा अशांति बनी रहती थी। हमेशा मार पीट झगड़ा लगा रहता था।
दरअसल उन बच्चों की पापा एक शराबी थे। काम धंधा कुछ करते नहीं थे। रोज शराब पीते थे और उन बच्चों को और उनकी मां को मारते थे। इस प्रकार हर दिन घर में अशांति होता था। हमेशा की तरह उन दो बच्चे और उनकी मां उनकी पापा से मार खाते थे।
बहुत साल गुजर गए। वह दो भाई बड़े हो गए। उनके मां उनकी पिता की मार को सहन कर करके उनकी मृत्यु हो गई। दो भाई जब बड़े हुए तो बड़ा भाई उसकी पापा के जेसे बन गया। वह भी शराब पीना लग गया। वह भी उसकी पत्नी और बच्चों को मार ने लगा।
दूसरे और उसके छोटे भाई उसके विपरीत था। वह एक अच्छे पति होने के साथ साथ एक अच्छे पापा भी था। वह अपने परिवार को बहुत प्यार करता था।
जब वो दोनों को एक साधु ने प्रश्न पूछा की ”तुम इस तरह की जिंदगी क्यों चुने ? ”
बड़ा भाई जवाब में बोला कि ” मैं जब छोटा था तो मेरे पापा शराब पीकर हम दो भाई और मेरी मां को रोज मारा करते थे, तो में जब बड़ा हुआ उनके जैसा बन गया।
छोटा भाई ने उत्तर दिया, मैं जब छोटा था तब मेरे पापा को देखता था की वह कैसे शराब पीकर हम सभी को मारते थे। इसलिए में तभी सोच लिया था की में जब बड़ा हूंगा तो मेरे बच्चे और पत्नी को उचित सम्मान दूंगा। उन्हें हमेशा प्यार करूंगा । उन लोगों को एक नया वातावरण दूंगा।
यह सुन कर वह साधु बहुत प्रसन्न हुए।
इस कहानी से हमको यह शिक्षा मिलता है की, परिस्थिति चाहे जो भी हो हमें उस परिस्थिति से हमेशा अच्छी सिख लेनी चाहिए। हमेशा दूसरों की मदद और उनको प्यार करना चाहिए। यह सब करने से समाज में और परिवार में प्यार बढ़ेगा। सब खुश रहेंगे।