प्रेम की वापसी
प्रेम की वापसी


कभी कभी हम अपने झूठे अहम और दूसरों की बातों में अपने सच्चे प्यार को खो देते है जिसकी टीस कभी नही जाती। बेहद खूबसूरत रिश्ता था हमारा प्यार भरा एक दूसरे की परवाह से भरा मीलों दूर रहकर भी बेहद करीब दिल के तार जो जुड़े थे एक दूसरे से। हर वक़्त एक दूसरे को महसूस करना घंटो फ़ोन पर एक दूसरे को दिल का हाल बताना कितनी खूबसूरती और गहराई थी हमारे बीच।
एक अरसा हो गया था एक दूसरे को जानते समझते बहुत जल्दी घर वालों से बातचीत के बाद हमारा रिश्ता भी पक्का हो गया, एक दूसरे के साथ रूमानी सपनों में दोनों खोये रहते और भविष्य के सपने बुनते लेकिन भाग्य को शायद कुछ और ही मंज़ूर था, लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में शायद ये आम बात थी क्योंकि हमारे म्युचुअल रिलेटिव्स थे और बहुतों को कुछ कारणों से हमारे रिश्ते से परेशानी थी, कोई न कोई नकारात्मक बातें अक्सर सब से सुनती रही, लेकिन फिर भी दिल मे कभी ये ख्याल नही आया कि सब कुछ ख़त्म कर दूँ, लेकिन जब भाग्य में कुछ और ही लिखा हो तो आप चाह कर भी कुछ नही कर पाते ऐसा ही हुआ मेरे साथ...