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Priya Silak

Inspirational

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Priya Silak

Inspirational

फ्रॉड

फ्रॉड

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जब में ट्रेन सफर कर रहा तब की बात है जब एक काम से मुझे 16 सितंबर को दिल्ली जाना पड़ा तो मैंने तत्काल स्लीपर टिकट लिया और कैफियत ट्रेन से रवाना हो गया और मेरे बैठने के ठीक तीन घंटे बाद एक सलवार सूट पहने हुए गोरी सी लड़की एक बैग लिए हुए मेरी सीट पर एक किनारे बैठ गई। और मैं हाथ में लिए हुए एक मैगजीन पढ़ रहा था और वह लड़की बार बार इधर उधर देख रही थी। वह बार बार मुझे भी देखें जा रही थी। शायद वह सोच रही थी कि कहीं मैं उसे अपनी सीट से उतार न दूं।


मैंने मैगजीन रखते हुए पूछा-- "कहां जाना है?"

लड़की:— "दिल्ली! आप कहां तक जाएंगे ?"

मैंने कहा:— "मुझे भी दिल्ली जाना है, और आपकी सीट कहा है? मेरे पास जनरल टिकट है। मैंने कहा:— तो अभी टीटी आएगा तो टिकट बनवा लेना, शायद सीट भी कही दें दें। लड़की:— जी ठीक है मैं बनवा लुंगी लेकिन तब तक आप हमें बैठने दीजिए।:— मैंने कहा कोई बात नहीं बैठी रहो।


टीटी आया और स्लीपर का टिकट तो बना दिया किन्तु सीट नहीं दिया, बोला कोई सीट खाली नहीं है।


मैंने कहा आप करती क्या हो? लड़की:— कुछ नहीं। मैंने कहा:— मेरा मतलब पढ़ाई से है । जी मै ग्यारहवीं क्लास में पढ़ती हूं। मैंने:— अच्छा! और आपके घर में कितने लोग हैं। लड़की:— मम्मी पापा भाई बहन सब है।


थोड़ी देर बाद वह मोबाइल निकाली और उसमें सिमकार्ड लगाई और किसी से बात की। उधर से कौन था और क्या बात किया यह तो मुझे नहीं पता लेकिन यह लड़की अपना लोकेशन दें दिया।


मैंने कहा:— पापा से बात कर रही थी स्टेशन से रिसीव करने के लिए। लड़की:— जी नहीं पापा तो गांव में है। मैंने:— फिर भैया रहे होंगे। लड़की:— नहीं ओ.. मेरे..ओ.. थै । मैंने:— ओ थे मतलब! मुझे तो नहीं लगता कि अभी आपकी शादी हुई है। लड़की:— जी अभी तो नहीं हुई है, लेकिन दो तीन दिन में हों जाएगी। मैंने:— ओ अब समझा इसका मतलब प्रेम विवाह करने वाली हो। लड़की:— जी ! मुस्कुराने लगी। मैंने:— लड़का क्या करता है? लड़की:— दिल्ली में नौकरी करता है और बोल रहा था कि मुझे भी नौकरी दिला देगा, फिर हम दोनों लोग मौज से रहेंगे। मैंने कहा:— काफी स्मार्ट लड़का होगा । लड़की:— जी बहुत स्मार्ट है और बहुत अच्छे स्वभाव का है ।


मैंने कहा:— मैं भी प्रेम विवाह किया हूं। लड़की:— ( बड़ी उत्सुकता से) आप भी भाग कर शादी किए थे। मैंने:— नहीं! मै जिस लड़की को पसंद करता था वह लड़की भी मुझे भाग कर शादी करने के लिए कह रही थी लेकिन मैंने उससे कहा नहीं हम तुमसे प्रेम तो करते हैं किन्तु इसका मतलब यह तो नहीं कि जो मां हमें अपने गर्भ में रखा और हमारा बाथरूम साफ किया, जिस पिता ने हमें अंगुली पकड़कर चलना सिखाया, बाजार के सारे खिलौने दिए उसके प्यार को ठुकरा दूं। जो सम्मान बनाने में इतनी उमर गवा दिए, उनकी इज्जत को रौंद दूं। उनका सर समाज में हमेशा के लिए झुका दूं। मै शादी तो तुम्हीं से करूंगा लेकिन मां बाप को मना कर और फिर एक दिन माता पिता मान गए और हम दोनों की शादी हो गई।


मैंने कहा:— वैसे आप जिससे प्रेम करती है उसे आपके घर वाले जानते हैं। लड़की:— जी नहीं, कोई नहीं जानता। मैंने:— आप उसका घर देखी है और उसके घर वाले आपको जानते है। लड़की:— नहीं । मैंने कहा:— फ्राड ! तुम्हारे साथ फ्राड होने वाला है। लड़की:— नहीं वह ऐसा वैसा लड़का नहीं है। वह मुझसे बहुत प्यार करता है। मैंने:— एक बात बताऊं, जो प्यार करता है तो सिर्फ करता है ज्यादा जताने की कोशिश नहीं करता है और किसी अनुचित पर रोकता और डांटता भी है। और यह तुम्हारे धन, तुम्हारी सुन्दरता से प्रेम करता है। लड़की:— नहीं यह ग़लत बात है वह ऐसा नहीं कर सकता। मैंने कहा:— ठीक है मर्जी तुम्हारी पर मेरे पास एक उपाय है परीक्षा लेना चाहोगी ! लड़की:— क्या ? मैंने कहा:— उसे फोन करो और बोलो कि मेरे मम्मी पापा मान गए है मैरी शादी तुमसे करने के लिए और वो भी आने के लिए कह रहे है और वही दिल्ली में ही मेरे मामा मामी भी है वे भी आ जाएंगे और वो बोले है आखिर एक दिन शादी करनी ही है तो अभी तुम्हारे पसंद का ही कर देते हैं ताकि हम लोगों का मान सम्मान भी रह जाय और तुम लोगों की खुशी भी। इसलिए तुम अपने मम्मी पापा को भी बुला लो।


लड़की ने वैसा ही किया, फोन लगाईं और लड़का इसकी सब बातें सुनकर आगबबूला हो गया, और बोला। तेरी जैसी कितनी लड़कियां आई और चली गई और तुम मुझे बेवकूफ बनाने आई हो।पागल समझ रखा है। डांटते हुए फोन काट दिया।


लड़की:— फिर से फोन लगाईं, स्विच ऑफ बताने लगा। मैंने कहा:— अब उसका फोन कभी नहीं लगेगा क्योंकि ऐसे लड़के अलग अलग लड़कियों के लिए अलग अलग सिमकार्ड का उपयोग करते हैं।


अब सोचो घर से भागने का मतलब घर जा नहीं सकती। उनको अपनी परेशानी बता नहीं सकती और तुम्हारा उसके सिवा और कोई रहता नहीं। इसलिए वह तुम्हारे साथ अगर कोई बर्बरता करता तो तुम क्या करती या फिर एक दिन छोड़कर चला जाता,भाग जाता तो ऐसे में क्या करती। जानती हो ऐसे में लड़कियां आत्महत्या कर लेती है जो घर वालों को पता तक नहीं चल पाता।


लड़की रोने लगती है मैंने कहा:— ओ..हो.. रोना नहीं अभी तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगड़ा है।अब एक काम करो अपने घर फोन लगाओ। लड़की फोन लगाती है। हैलो, हां पापा! लड़की रोने लगती है, पापा:— बिटिया कहा हों ? हम सभी लोग बिना खाए पिए तुम्हें ही खोज रहे है। लड़की:— पापा बस थोड़ा सा बहक गई थी पर अब ठीक हूं, कल तक घर आ जाउंगी। और मुझे धन्यवाद देते हुए अगले स्टेशन पर उतर कर दूसरी ट्रेन से घर के लिए रवाना हो गई।



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