पहली बस आई
पहली बस आई
टीकमगढ़ में पहली बस आई, टीकमगढ़ के पास गांव दरगांय में रहने वाले लड़के ने बस को देख कर उस के मन में बस लेने की इच्छा होनें लगी।एक दिन खेत में काम करते करते जैसे ही बस की आवाज़ सुनी तो पास में ख़डे राजू से बोलता है "राजू देख टीकमगढ़ वाली बस आ गई कल हम भी बस लेने जाएंगे ।", राजू पूछता है "तुम इतना पैसे कहा से लाओगे?" राजू बोलता है "हमारे दो बैल थे एक मर गया अब एक काम का नहीं रहा, हम उसे बेच कर बस लेंगे।" तभी पास में काम कर रहा नीरज बोलता है "तुम्हारी बस चलायेगा कौन?" सामने आता देख चेतु की ओर इशारा करते हुए बोला "ये चलायेगा।" फिर नीरज बोलता है "और कंडक्टर कौन बनेगा?" राजू बोलता है "हम बनेंगे, अरे कैसे भी आदमी से पैसे निकलवा सकते हैं। " तभी चेतु बोलता "तेरी बस में बैठेगा?' कौन तभी नीरज और राजू बोलता "अरे अपन सब तो है बैठने के लिये।" नीरज बोलता "अरे अपन न टीकमगढ़ की रास्ता तो देखा नहीं कैसे जाएंगे ?" चेतु बोलता है "अरे अपन ने नहीं देखी तो क्या हुया बस ने तो देखी है वो चली जायेगी।"