shaheen shaikh

Romance

3.9  

shaheen shaikh

Romance

निकाह पार्ट १११

निकाह पार्ट १११

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सना की इस क़दर बढ़ती मोहब्बत ने उसका दुनिया से सारा ध्यान हटा दिया था,वो दीन रात सिर्फ अरबाज के बारे मे सोचती।उसका प्यार ,बेचैनी,तड़प ये बताती के वो अरबाज से मिलने और बात करने कितनी उतावली थी,लेकिन कुछ मजबूरियों ने उसे बांध रखा था।अरबाज भी नही चाहता था के वो शादी से पहले उससे कोई बात करे।


कुछ दिन गुजरने पर सना को खयाल आता है के अरबाज को facebook friend बनाया जाए,जब वो अरबाज का Profile देखती है तो उसे कुछ ऐसी चीजे मिलती है जिससे वो काफी परेशान होने लगती है।वो अरबाज से उस बारे मेबात करती है। अरबाज अपनी बातो से सना को इत्मीनान दिलाता है के अब मै बदल गया हु,भरोसा रखो,वो मेरी पुरानी जिंदगी है,वो सब मेरा बचपना था,मैने अपनी पुरानी जिंदगी से तौबा कर ली है,"I am one woman man", तुम्हे कभी शिकायत का मौका नही मिलेगा।उस वक्त तो सना खामोशी से सब सुनती है और उसकी बातो पर यकीन भी करती हैं लेकिन एक अजीब सी खटक उसके दिल में पैदा होती हैं।


वो कहते है ना प्यार अंधा होता है और प्यार में इन्सान को एबदार चीज भी बेएब लगने लगती है,बिलकुल वैसी हालत सना की हो चुकी थी।उसे अरबाज में कोई कमी कोई खामियां नजर नही आ रही थी, उसे उसके प्यार ने दीवाना बना दिया था।देखते ही देखते शादी का वक्त करीब आ रहा था और सना की उलझने बढ़ती जा रही थी। वो अभी भी इसी कशमकश में थी के उसे ये शादी करनी चाहिए या नहीं?शादी से इंकार करना भी उसे नागवार गुजर रहा था क्यू के उसे अरबाज की ही दुल्हन बनना था।


वो इस बारे मे अरबाज से आमने समाने बैठकर बात करने का सोचती है लेकीन वो इस बातचीत के लिए तयार नही होता।दोनो फिर video call पे बात करना पसंद करते है।सना और अरबाज की ये पहेली video call थी,सना उससेतीन बार पूछती है,क्या आप इस शादी से खुश है?क्या आप

ये शादी करना चाहते है?


इस सवाल पर अरबाज जवाब देता है, जी हा मेरी बीवी।भरोसा रखो।उसी पल सना की सारी परेशानी दूर हो जाती है, दोनों एक दूसरे को मुस्कुराते हुए गुफ्तगू का आगाज करते है।


वो पूछता सना ये तुम्हारे चेहरे पर दाग कैसे है?सना कहती है ये पिंपल्स के निशान पड़ गए है जो इतना इलाज करने के बावजूद भी नही जाते।

वो कहता है कोइ बात नही बीवी मै तुम्हारे चेहरे पे पिंपल्स बर्दाश्त कर सकता हु।Masha Allah "you look beautiful."इसी पर दोनो की बात ख़त्म होती है।


लेकिन हकीकत में सना के लिए बात ख़त्म नही हुई थी,एक और नई मुसीबत का आगाज हुआ था। अरबाज के उस सवाल ने उसे परेशान कर दिया जो उसके चेहरे पर किया गया था।वो आईने में अपने आपको देख कर सवाल करती है क्या मैं खूबसूरत हु?


और उसे जवाब मिलता है "नहीं" तुम खूबसूरत नही हो और ना हि बदसूरत हो,तुम एक average दिखने वाली लड़की हो, जिसकी personality और appearance बोहोत उम्दा है,well educated है।लेकिन इसके बावजूद भी वो

एक खटका उसके दिलो दिमाग में घर कर चुका था।


वो अपने सहेलियों से हर बार यही पूछती मैं कैसी दिखती हू?क्या मैं good looking हु?अरबाज को suit तो करुगी ना?अरबाज को पसंद तो आउंगी ना?


और अच्छी सहेलियों की तरह वो भी कहती Masha Allah तू बोहोत अच्छी दिखती है, ये सब खयाल दिमाग में मत ला,think positive और इन बातो पर उसे वक्ति इत्मीनान हो जाता लेकिन वो पूरी तरह मुतमाइन नही थी।

सना अपने रंग रुप को लेकर काफी परेशान हों गई क्यू के उसे पता था "Beauty attracts."


और एक औरत के लिए खूबसूरत होना बोहोत जरूरी है क्यू के हम जिस समाज में रहते है वहा खूबसूरती को बढ़ावा दिया जाता है, शादियां उन्हीं लड़कियों की होती है और निभती है जो खुबसूरत होती है और एक मर्द को आकर्षित करने वाली खूबीयो वाली होती हैं।


शादी का वक्त करीब आ चुका था,सना अकेली बेटी होने के कारण उसके माता पिता ने उसके दहेज में हर चीज की खरीदारी कर ली थी और किसी भी चीज की कमी हो ये उन्हें गवारा नहीं था।उसके माता पिता ने हर वो चीज सना के लिए खरीदी जो उन्होंने कभी अपने लिए नहीं खरीदी थी। हर मा बाप की तरह उनकी ख्वाइश थी के बेटी के शादी में कोई कमी ना हो और हर तरह की खुशियां हम उसके दामन में डाल दे।


बड़े धूम धाम से सना और अरबाज की शादी हो जाती है। 


To be continued.......



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