नादानी

नादानी

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आदि तुम ऐसा कैसे कर सकते हो? तुमने हमलोगों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा। दूसरी बिरादरी की लड़की से तुम ने शादी कर ली। इसलिए तुमने बाहर जाने का बहाना बनाया, आदि मैं सोच भी नहीं सकती थी तुम ऐसा करोगे।

मिता ने गुस्से से फोन रख दिया। उसकी आँखें भर आई, जिस बेटे पे वो इतना जान छिड़कती थी, वो बेटा आज उसका नहीं रहा। शादी भी की तो किससे।वो जोर जोर से रोने लगी। करे भी तो क्या, आदि ने दो दिन बाद फिर फोन किया "माँ मैं आ रहा हूं उसे लेकर, "हाँ ठीक है आ जा" और कुछ नहीं बोल पाई।

महक नाम था दिखने में भी अच्छी लगी, पर मैंने साफ- साफ कह दिया, रहना है तो रह, पर मेरे रसोईघर को हाथ मत लगाना। जो चाहिए मांग लेना। कुछ दिन बाद आदि ने दूसरा घर ले लिया दोनों वहीं रहने चले गए। मैंने भी उसे पुत्र मोह में धीरे धीरे अपना लिया था।

दो साल हो गए , अब छह महीने से आदि ज्यादा मेरे पास आने लगा था, वो कुछ बोलना चाहता, पर बोल नहीं पा रहा था। एक दिन फिर आदि आया "माँ" कुछ अच्छा सा बना दे। "हाँ "अभी लाई। मैं देख रही थी आदि थका और परेशान दिख रहा था। नाश्ता कर लेने के बाद मैंने उससे पूछा "आदि तू ठीक नहीं है मेरे बच्चे क्या बात है बता?

आदि बेहद शांत रहा, ऐसा लग रहा था जैसे कोई तूफान आने का संकेत हो। मैं डर गई, मेरी साँसें तेज हो गई ये क्या आदि की आँखों में आँसू? मैं सहम गई सोचने लगी मेरा आदि इतना कमजोर तो नहीं था, फिर क्या हुआ होगा।"आदि "बता ना क्या हुआ ?मेरा दिल बैठा जा रहा है, आदि बोल कुछ।

मम्मी महक अच्छी नहीं है तुम ने सही कहा था, अब वो किसी और के साथ समय बिता रही है, काफी पैसे वाला है। क्या? मैं अवाक रह गई। कब से ? छह महीने आदि ने बोला। माँ मैंने बहुत बड़ी ग़लती की थी क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा। तूने उससे बात की? मैंने पूछा ।"हाँ"उसने तलाक मांंगा है।


"तलाक " शादी क्यों की थी इतनी जल्दी? सोच-समझ कर किया नहीं अब तलाक, बच्चों का खेल था क्या?"हाँ" माँ। उसने खेल ही खेला था मेरे साथ।तलाक के लिए दे दिया हूं। वो भी कल जा रही है अपने घर।

आदि आज अकेला था बिल्कुल अकेला, महक ने फिर से शादी कर ली। आज पाँच साल हो गए पर तलाक नहीं दिया उसने। आदि मिता के साथ रहने लगा। माँ के साथ उसे सुकून था।

वो तो शादी कर के मजे कर रही, पर आदि की जिदंगी बर्बाद हो गई उसकी एक नादानी ने उसे अकेलेपन के अलावा कुछ नहीं दिया। हमारे धर्म में तलाक के बगैर वो शादी नहीं कर सकता। एक नादानी ने पूरा घर बर्बाद कर दिया। आदि तलाक के लिए आज भी चक्कर लगा रहा और महक का कोई पता नहीं नम्बर भी उसने बदल लिया।

भरी आँखों को पोछ कर जोर से सांस लेकर बस हर रोज ऐसे ही जी रही है। आदि की नादानी पर और उसके अकेलेपन को देख कर।



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