मवाना टॉकीज भाग 3

मवाना टॉकीज भाग 3

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सोमू को महसूस हुआ कि वो उस हॉल में अकेला नहीं था। उसकी पीठ के पीछे पहली मंजिल पर प्रोजेक्शन हाल था जहां से प्रोजेक्टर द्वारा फिल्म दिखाई जाती थी। उस प्रोजेक्शन हाल में सोमू को खटपट की आवाज सुनाई पड़ी। पहले तो उसे किसी चूहे आदि का अंदेशा हुआ पर जब उस प्रोजेक्शन हॉल के मोखले से प्रकाश की क्षीण रेखा आकर स्क्रीन पर नृत्य करने लगी तब सोमू की शर्ट पसीने से भीग गई और उसके हाथ पांव जड़ हो गए। अचानक एक तेज हंसी की आवाज पूरे हॉल में गूँज उठी। यह किसी महिला के हंसने की सीटी जैसी आवाज थी। सोमू उठकर तत्काल भाग जाना चाहता था लेकिन उसके हाथों पैरों ने मानो जवाब दे दिया। उसके शरीर के सभी मासामों में मानो पसीना उगलने की प्रतियोगिता चल रही थी। फिर भक्क की आवाज के साथ स्क्रीन रोशन हो गई और उसपर एक फिल्म चलने लगी। यह एक पुरानी डरावनी फिल्म थी। जिसमें लगभग अँधेरी स्क्रीन पर एक पुराना मंदिर दिखाया जा रहा था। आतंक के मारे सोमू का कलेजा बैठा जा रहा था। उसकी आँखें कटोरियों में घूमने लगी। वह आतंकित होकर इधर उधर देखने लगा फिर जब उसकी नजर अपने से तीन सीट दूर बैठी एक आकृति पर पड़ी तो उसे ऐसा लगा मानो उसका दिल अभी धड़कना छोड़ देगा। वहाँ कम्बल ओढ़े एक औरत बैठी हुई थी। उसने अपना मुंह सोमू की तरफ घुमाया और बड़ी डरावनी आवाज में हंसने लगी। सोमू ने देखा कि उसका चेहरा आधा जला हुआ था। जिसमें से उसके दांत चमक रहे थे। सोमू लगभग बेहोश हो चला था। अपनी उसी अर्ध बेहोशी की अवस्था में उसे महसूस हुआ कि वह औरत उठ कर उसकी तरफ बढ़ रही है। सोमू ने जोर से चिल्लाना चाहा पर उसकी घिग्घी बंध गई और उसके मुंह से बोल न फूटा। वह औरत सोमू के पास आई और उसने अपना जला हुआ हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिया। तीखे नाखून सोमू को अपनी तरफ आते दिखाई दिए सोमू ने अपने हाथ उठाने चाहे पर उसके बदन की शक्ति मानो निचुड़ चुकी थी, वह सफल नहीं हो सका और उसकी चेतना लुप्त हो गई।

क्या सोमू भय की अधिकता से मर गया?
जानिये भाग 4 में


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