"मोती और धागा "
"मोती और धागा "

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“अच्छा लव एक बात बताओगी”
“पूछ के देखो?”
“मैं तुम्हारे लिए क्या हूँ”
“मतलब”
“कोई किसी को कहता है तुम चाँद हो, कली हो, नदी हो और भी बहुत कुछ ....तो उसी तरह मैं तुम्हारे लिए क्या हूँ?”
“ हम्म....तुम... वो अनमोल मोती हो, जिसे ढूँढने में, जिसे पाने में पूरी ज़िंदगी बीत जाती है, मगर वो मोती शायद ही किसी को मिल पाता है।”
“Aww... तब तो जानती हो तुम मेरे लिए क्या हो?"
“क्या?”
“तुम वो धागा हो, जिसमें उस मोती को पिरोया जाता है, और यदि धागा टूट जाए तो वो मोती भी बिखर जाता है, और यदि धागा के साथ मोती को पिरोया जाता है तो एक सुन्दर हार का रूप ले लेता है!!"
“इस्स पागल”