मकड़जाल भाग 8

मकड़जाल भाग 8

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मकड़ जाल भाग 8 

 

      क्या ऐसा हो सकता है कि मिसेज शेट्टी ने अपने पति का क़त्ल किया हो या करवाया हो? विशाल लाख सोचने के बाद भी अपने आप को यह सोचने के लिए तैयार नहीं कर पा रहा था। मिसेज शेट्टी का देवी जैसा रूप और राजरानी जैसा व्यक्तित्व उसे यह सोचने नहीं दे रहा था पर यह एक संभावना थी जिसे नकारा नहीं जा सकता था।सिर्फ दो महीने पहले दस करोड़ का बीमा करवाया गया और बीमित व्यक्ति की नृशंस हत्या हो गई। अब लाभार्थी का शक के घेरे में आना स्वाभाविक ही था। विशाल ने मिसेज शेट्टी की गहन जांच का फैसला किया। अगर वह निर्दोष थी तब भी नौकरानी की हत्या के मद्देनजर उनकी भी जान को ख़तरा हो सकता था। न जाने हत्यारे के मन में क्या था और अगर यह सब मिसेज शेट्टी का ही किया धरा था तो वह ये सब अकेले कत्तई नहीं कर सकती थी। कोई तो जरूर था जिसने उनका साथ दिया होगा। 

विशाल ने अपने सूत्रों से पता किया तो मालूम हुआ कि रत्नाकर शेट्टी का बिजनेस भारी घाटे में चल रहा था और उसे काफी लोगों का उधार चुकाना था। यहाँ तक कि वर्ली सीफेस का उसका यह घर भी गिरवी रखा हुआ था। 

      इस समय विशाल मिसेज शेट्टी की इमारत के सामने डटा हुआ था। यहाँ वह पुलिस भेष में न होकर एक मूंगफली बेचने वाला बना हुआ था जिसने अपने गले में एक ट्रे नुमा चीज लटका रखी थी जिसमें मूंगफली की कुछ पुड़िया रखी हुई थी। विशाल ने अपने सिर पर गमछा बाँध रखा था। वर्ली सीफेस के समुद्री किनारे पर कई जोड़े घूम रहे थे जिनमे से एकाध ने आकर उससे मूंगफली भी खरीदी लेकिन विशाल का पूरा ध्यान केवल मिसेज शेट्टी के घर पर था। 

         कई घंटों की मशक्कत के बाद विशाल की मेहनत रंग लाई। मिसेज शेट्टी अपनी इमारत से बाहर निकलती हुई दिखाई पड़ी। वे तेजी से एक दिशा में चल पड़ी उन्होंने अपना चेहरा पूरी तरह दुपट्टे से ढंक रखा था और आखों पर भी काला गॉगल लगा लिया था लेकिन विशाल ने फौरन उन्हें पहचान लिया। उसने अपनी मूंगफली की ट्रे कोने में पटकी और मिसेज शेट्टी के पीछे लपका कि अचानक लड़खड़ा गया। किसी ने उसका कॉलर पकड़कर पीछे खींच लिया था। गुस्से से उबलते विशाल ने पीछे मुड़कर देखा तो महानगर पालिका का एक कर्मचारी गंदगी फैलाने के जुर्म में उसका चालान काटने पर आमादा दिखा। बड़ी मुश्किल से विशाल उसके जबड़े पर घूंसा लगाने से खुद को रोक सका, जल्दी से उसने अपना आई कार्ड निकालकर दिखाया तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया। इतनी देर में मिसेज शेट्टी टैक्सी पकड़ कर कहीं के लिए रवाना हो चुकी थी। विशाल हाथ मलकर रह गया। अगर उसके साथ कोई सहायक होता तो यह नौबत नहीं आती। सीनियर साहब ने विशाल को अकेले जाने से मना किया था पर वह नहीं माना अब नतीजा भुगत रहा था। 


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