Shayar Rudra Vishal Singh

Abstract

4.2  

Shayar Rudra Vishal Singh

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मैनें

मैनें

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तुमने जो दिया मुझे वो रख लिया मैंने।

तुमने जो कहा मुझे वो सुन लिया मैंने।

तुम तो देती रही धोखा हर एक मोड़ पर मुझे। 

मगर उसको भी तुम्हारा प्यार ही समझा मैंने। 


और वो जो वादे किए थे हम दोनों ने मिलकर

तुमने तो न निभाये मगर अपना हर वादा निभाया मैंने। 

मैं जानता था कि तुम्हारे दिल में अब कोई और रहता है

लेकिन अपने दिल में तुम्हारे सिवा कोई और को नहीं बसाया मैंने।


चलो छोड़ो जाने दो जो हुआ सो हुआ तुम खुश रहो। 

तुम्हारे बदलते ही खुश होना ही छोड़ दिया मैंने। 

और जो तोह्फ़े दिये थे तुम्हें प्यार में उनका ख्याल रखना। 

तुम्हारे दिये हुए तोह्फ़ों को तो आज भी संभाल कर रखा है मैंनें


और जब भी तुम्हें परेशानी हो कोई भी तो बताना जरूर। 

तुम्हारी मदद में करूंगा क्योंकि तुम्हें अपना दोस्त माना मैंने। 

और जब आये याद तुम्हें इस विशाल कि तो चली आना। 

आज भी तुम्हारे लिए अपने दिल के दरवाज़े बंद नहीं किये मैंने।


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