Archana kochar Sugandha

Inspirational

2  

Archana kochar Sugandha

Inspirational

माँ कभी बूढ़ी नहीं होती

माँ कभी बूढ़ी नहीं होती

1 min
111


माँ बूढ़ी हो गई है, बहुत बूढ़ी। चेहरे पर अत्याधिक झुर्रियाँ पड़ गई है, हाथ काँपते है, ढंग से खड़ी नहीं हो पाती तथा साँस लेने में भी तकलीफ होती है। ज्यादातर बिस्तर पर पड़ी दर्द से कराहती रहती है। कई दिनों से कुछ ज्यादा बीमार थीए सो हाल लेने आ गई। मेरे आते ही माँ बहुत खुश हो गई। कराहना और बीमारी भूल गई। मुझे गले से लगा कर पुचकारते हुए बोली, बहुत दिनों बाद आई हो, बहुत कमजोर हो गई हो। बैठ मैं तेरे लिए कुछ खाने को लाती हूँ, तेरी पसंद का गाजर का हलुआ बना देती हूँ। उनके नेह एवं आत्मीयता के आगे मैं नतमस्तक हो गई। बच्चों के लिए माँ कभी बूढ़ी नहीं होती।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational