लव आजकल

लव आजकल

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अध्याय 1लगातार 10 फोटोज़ पर लाइक्स और कमेंट्स कर के उसने मेरा ध्यान खुद की और खींचा । न जाने मेने उसे कब अपनी आई डी में ऐड किया था। खेर रिप्लाई देने से पहले मेने उसकी आई डी खंगाली । सिवाये उसके नाम "करिश्मा कपूर " के मुझे सब कुछ रियल लगा।फिर उसके कमेंट्स के रिप्लाई किये।रिप्लाई ऐसे थे के उसे भी जवाब देने पड़े।मेने बिना देर किये उसको इनबॉक्स मैसेज डाल दिया।"अब हमें इनबॉक्स में बात कर लेनी चाहिए "।और मानो शायद वो भी इसी इंतज़ार में थी । उसने कहा "हाँ क्यों नहीं" 

मेने कहा

"आपका ये नाम तो असली नही लगता "

उसने कहा "क्यों ?" 

मेने कहा "क्योंकि आपकी आई डी में मुस्लिम पोस्ट्स पढ़े हैं। और आपका नाम नॉन मुस्लिम है।"

रिप्लाई मिला "ओह हो जनाब ने टाइम लाइन भी चेक कर ली । जी मेरा नाम ज़ोहा है -ज़ोहा खानम" 


मेने कहा" नाम तो आपने पढ़ ही लिया होगा फिर भी बता देता हूँ मेरा नाम जुनैद चौधरी है।"


बातो का सिलसिला शुरू हुआ ।


जुनैद -तो आप कहाँ रहती हो ?


ज़ोहा -जी आपके मुरादाबाद में ही रहती हूँ।।


जुनैद- अरे वाह। लेकिन मुरादाबाद में कहाँ ?


ज़ोहा -क्यों ? आपको घर आना है क्या ? 


जुनैद- नहीं बस ऐसे ही पूछ रहा था



ज़ोहा- आप मुझे शायद जानते हो। में एम् डी ए में रहती हूँ।यहाँ आप के दोस्त का घर हे।और आप को काफी बार यहाँ देखा है मेने।


जुनैद- अरे वाह।पर में अब भी नही पहचान पाया क्या आप अपना फोटो दिखा सकती हो ? 


ज़ोहा - क्यों नही , ये लो


जुनैद- अरे ये तो तुम हो "मुस्कान" तुम्हारा नाम ज़ोहा कब से हुआ ? 


ज़ोहा- ये मेरा घर का नाम है। और ज़ोहा स्कूल का



जुनैद- ठीक है।।वैसे तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है ?


ज़ोहा- हाँ ।तुमको क्या लगता है। इत्ती अच्छी लड़की का बॉयफ्रेंड नहीं होगा ? 


जुनैद- लगता है।इसी लिए तो पूछा था । ख़ैर कौन हैं कहाँ का हैं ? 


ज़ोहा- बिजनोर से हे वो।अदन नाम है उसका। वो और में स्कूल में साथ पढ़ते थे।फिर मेरे पापा का ट्रांसफर मुरादाबाद हो गया।और हम यहाँ रहने आ गए। 


जुनैद- ओह

।ठीक है। लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन। बट ज़ोहा इसमें लोग धोका बहुत देते हैं।तुम गलत जगह रिलेशन बनाये हुई हो।


ज़ोहा- क्या ? तुम मेको चढ़ा रहे हो ? अदन बहुत अच्छा लड़का हे।मेरे लिए रोया तक है वो। में उसके खिलाफ कुछ नहीं सुनूँगी। आया समझ ? 


जुनैद- तुम फालतू में भड़क रही हो।।में तो बस तजुर्बा कह रहा था।खेर अगर अदन ऐसा हे तो मुझे भी मिलवाओ न उस से । में भी देखूं कितना अच्छा लड़का हे?


ज़ोहा- ओके ग्रुप बना देती हूँ। उसमे दोनों बात कर लेना।


जुनैद - ओके


ग्रुप चैट ख़त्म होने के बाद


जुनैद- यार बन्दा तो अच्छा है बट लॉयल नहीं है।उसकी बातों में बनावट बहुत है।



ज़ोहा- अच्छा तुमने ऐसा क्या देखा जो मुझे नही दिखा ? तुम बस जल रहे हो और फालतू की बकवास कर रहे हो मिस्टर ।


जुनैद- में प्रूफ कर सकता हूँ। लेकिन तुम हर्ट हो जाओगी और फिर सब लड़को को एक ही नज़र से देखने लगोगी।।


ज़ोहा- नही होउंगी। लेकिन अब तुमसे तभी बात करुँगी जब तुम प्रूफ कर दोगे।


जुनैद- ठीक है। लेकिन तुम उसे मत बताना कुछ भी। कल से उसका लॉयल्टी टेस्ट शुरू है।

सी यू लैटर ,बाय


ज़ोहा- बाय बाय


अगले दिन रात को मेने अपना एक फोटो अपलोड करा ।उसमे अपने 10 दोस्तों के साथ अपनी फेक आई डी (इज़ना खान) और अदन को भी टैग कर दिया।। टैग की वजह से अदन ने कमेंट किया ।उसी के नीचे मेने "इज़ना" से भी कमेंट कर दिया। और अदन का कमेंट लाइक भी कर दिया। अदन ने बैक लाइक किया. फिर कुछ देर बाद इज़ना को पोक कर दिया। पोेक के बैक मिलते ही अदन ने रिक्वेस्ट सेंड कर दी। और इसी बात का मुझे इंतज़ार था। मछली जाल में फंस चुकी थी। मेने भी इज़ना की आई डी से अदन के फोटो पर कमेंट कर दिया। अदन ने भी कमेंट का रिप्लाई किया और इनबॉक्स में आ गया। बहुत देर बात करने के बाद उसने कहा अपनी फोटो दिखा सकती हो ? एक हफ्ते तक टालने के बाद मेने फेक फोटो सेंड कर दी। अदन फोटो देखते ही फ़िदा हो गया। बोला मुझे तुमसे कॉल पर बात करनी है।मेने बोल दिया मम्मी घर पर हैं। वो बोला बस अपनी आवाज़ सुना दो। मेने जल्दी से अपनी एक फ्रेंड को व्हाट्स एप मैसेज कर के सब बात समझा दी।और कह दिया के कॉल उठा के बस इतना कहना( सुन ली आवाज़ । बस अब तो हो गया यकीन)। अदन को अपनी फ्रेंड का न०. दिया। खेर लड़की की आवाज़ सुन ने के बाद अब अदन पूरी तरह फ्लर्ट पर आ गया। और पूरी तरह से मेरी फेक आई डी के सामने खुल गया। अगले दिन मेने ज़ोहा को सब बताया । जब उसे यकीन नही आया तो अपनी फेक आई डी "इज़ना"का पासवर्ड दे दिया।

दोनों का 90% ब्रेकअप हो गया। लेकिन एक साल का रिलेशन इतनी जल्दी ख़त्म नही होने वाला था। अदन उसे लगातार समझा रहा था।और आखिरकार वो अदन की बात मान गयी।और उसे माफ़ कर दिया।




सारी मेहनत बेकार होती देख मेने अदन को मैसेज करा और बताया के वो फेक इज़ना खान की आई डी मेरी थी।


उसके बाद अदन की गालियो की बौछार शुरू हो गयी।हम भी शातिर थेे। यही तो चाहते थे । मेने कहा बेटा ज़ोहा को तू भूल जा।वो अब मेरी है । और मैने उसे ऐसे समझा दिया है।वो दो तीन दिन में तुझसे ब्रेकअप कर लेगी। वो भी जज़्बाती हो गया। बोला गर्लफ्रेंड किसी की भी रहेे लेकिन फायदा में ही उठाऊंगा।मेरे साथ साथ ज़ोहा के लिए भी उल्टा सीधा बोल गया। मेने उसकी नेगेटिव चैट के स्क्रीन शॉट ज़ोहा को दे दिए।। ज़ोहा ऑफलाइन थी। तब ख़ाली बैठे बैठे ये बात भी दिमाग में आयी के इस आई डी का पासवर्ड ज़ोहा ने मांग लिया तो क्या करेंगे? खाली दिमाग शैतान का घर । फ़ौरन अदन की आई डी खोल कर उसकी प्रोफाइल फोटोज़ डाउनलोड की और अदन खान नाम से फेक आई डी बना दी।अदन फेक आई डी से रियल अदन को ब्लॉक किया। मोबाइल का टाइम चेंज किया। अदन की आई डी uc ब्राउज़र से खोली और अपनी आई डी मेसेंजर से खोल कर चैट अपने मन के मुताबिक़ बना ली। अदन की रियल आई डी को खुद की आई डी से ब्लॉक कर दिया और रियल आई डी की चैट क्लियर कर दी। अगले दिन जब ज़ोहा ऑनलाइन आयी तो स्क्रीन शॉट्स देख कर अदन पर बहुत गुस्सा हो गयी। अदन ने कहा जुनैद झूट बोल रहा है।।और मेने बस इतना कहा "ये रहा मेरी आई डी का पासवर्ड । अगर मेरी कोई बात गलत हो तो मुझे ब्लॉक कर देना। और अगर अदन की बात गलत हो तो उसे ब्लॉक कर देना"। चैट पढ़ने के बाद कोई गुंजाईश ही नहीं बची थी।।ज़ोहा ने बिना कुछ कहे बिना कुछ पूछे अदन को ब्लॉक कर दिया।और मेरे ऊपर भरोसा बढ़ गया। क्योंकि आई डी का पासवर्ड देना ज़ोहा के लिए बड़ी बात थी। लेकिन इतना काफी नहीं था।अभी अदन को ज़ोहा के दिमाग से निकालना था । कुछ वक़्त लगा लेकिन सब कुछ नार्मल हो गया। मैंने ज़ोहा को प्रपोज़ कर दिया।अभी लव जैसा कुछ नहीं था। हम लोग रोज़ाना रात को सोने से पहले बात करते। स्कूलों में एडमिशन शुरू हो चुके थे।घर पर ज़िद कर के छोटी बहन का एडमिशन भी ज़ोहा के स्कूल में करवा दिया। जब ये खबर ज़ोहा को दी तो वो बहुत खुश हो गयी। और कहने लगी मुझे तुमसे मिलना है। में भी मिलने के लिए बेताब था।।लेकिन कैसे ? ज़ोहा ने कहा सुबह 5 बजे से पहले घर आजाना में पीछे का दरवाज़ा खोल दूंगी। मेने कहा ठीक है। किस्स इमोजी भेज कर ज़ोहा को गुड नाईट बोल दिया। घर पर रात को ही कह दिया के सुबह से मॉर्निंग वॉक पर जाऊंगा।।सुबह उठ कर चुप चाप बाइक निकाली।। ज़ोहा के घर से थोड़ी दूर खड़ी की।और उसके घर के पिछले गेट पर जाकर उसको मैसेज किये। वो भी इंतज़ार में थी। हल्के से उसने गेट खोल दिया।मेने उसे इतनी करीब से पहली बार देखा।। ब्लैक सूट खुले हुये बाल शरारती आँखे और उसकी बॉडी फ्रेग्रंस । ऐसी खुशबु मेने कभी महसूस नही की थी जैसी उसके पास से आ रही थी। उसने कहा क्या हुआ ? मेने कहा


गर्मी में ये सुबह की ठंडी ठंडी हवा ..

और सामने तुम जैसी खूबसूरत बला।


मेरा तो किस्स करने का मन हो रहा है। और फिर मुस्कुरा के में घर वापस जाने लगा। उसने बोला बस देखने के लिए ही आये थे ? में बोला हाँ।। पहली मुलाक़ात हैं । इतना ही काफी है। फिर भी तुम कहती हो तो हाथ मिला लेता हूँ। वो दरवाज़े में खड़ी थी। मेने उसके नर्म हाथो में अपना हाथ दिया। उसने गर्मजोशी से हाथ को पकड़ा और मुझे अपनी और खिंचा। दूसरा हाथ कंधे के पीछे ले जाकर गर्दन पर रखा। मेरे पैर पर दोनों पैर रखे और मेरे सर को थोड़ा झुकाया। और खुद थोड़ा सा उचक कर उसने अपने होठों से मेरे होंठ मिला दिए।उस वक़्त मेरा दिमाग बिलकुल बंद हो गया। मुझे समझ नही आया ये मेरे साथ हुआ क्या। मेरा होंठ चूस के उसने दूसरे हाथ से धक्का दिया और कहा अब जाओ।। और दिल में कभी भी अफ़सोस के लिए जगह मत छोड़ा करो। जो दिल करे कर जाया करो।। में उजड़े चमन और लुटी हुई विरासत की तरह उसे खड़ा हुआ देखता रहा।और उसने एक शरारती सी मुस्कान देकर दरवाज़ा बंद कर लिया।


 

इतने करीब से स्पर्श करने की वजह से उसकी खुशबु मेरे दिलो दिमाग पर छा गयी थी। और में खुद के ही निचले होंठ को चूसता हुआ जैसे तैसे झूमता हुआ बाइक तक पहुँचा। समझ नहीं आ रहा था में खुद के होंठ को बार बार क्यों चूस रहा था।।खेर ये मेरी ज़िन्दगी का पहला किस्स था।जिसने मेरे दिल में प्यार की घंटी बजा दी थी। में मदहोश बाइक को ८० की स्पीड पर लहराता हुआ घर ले गया। अब हमारी चैटिंग में प्यार का तड़का लग चुका था ।स्कूल खुल गए थे। और अब वो स्कूल पर रोज़ मिलती। एक प्यारी सी स्माइल पास करती। धीरे धीरे प्यार बढ़ने लगा। कसमे वादे होने लगे।।दो महीने बीत गए।उसकी खुशबु में भूलने लगा था। फिर शेर के मुँह को भी खून लग चुका था। उस पुरानी किस का असर भी खत्म हो चुका था। मेने उसको कॉल पर कहा मुझे तुमसे मिलना है। 


तेरी खुशबु नहीं मिलती तेरा लहज़ा नहीं मिलता.


हमें तो शहर में कोई तेरे जैसा नहीं मिलता..



उसने कहा मुझे भी मिलना है। लेकिन कैसे मिलेंगे? मेने कहा स्कूल का घण्टा गोल करेंगे। उसने कहा।मुझे रिक्शा वाला छोड़ने आता है और वही लेने आता है। वो स्कूल के गेट के सामने छोड़ता है।।अब समस्या ये थी के रिक्शा वाले को चकमा कैसे दिया जाये। दो घण्टे विचार विमर्श के बाद ये तय हुआ के हम लोग डेट पर जायँगे।। जब रिक्शा वाला गेट पर छोड़ कर जायगा । तब ज़ोहा सीधे स्कूल से आगे की स्टेशनरी की शॉप पर जायगी। चपरासी या रिक्शा वाला पूछेगा तो कहेगी पेन लेने जा रही हूँ। आगे मेरी बाइक पर बैठ जायगी। वहा से हम लोग दोस्त के फ्लैट पर जायँगे ।।कुछ देर वहा रुकेंगे और ९:३० बजते ही वेव सिनेमा जायँगे। वहाँ हॉफ फिल्म बाजीराव मस्तानी देखेंगे ।और इंटर वेल में ज़ोहा को उसके घर छोड़ देंगे। ज़ोहा घर जाकर बोल देगी तब्यत खराब की वजह से मेम ने लीव दे दी। और रिक्शा वाले को कॉल कर के कह देगी के मम्मी घर ले आयी आप मत आना लेने के लिए। 

सब प्लान के मुताबिक़ हुआ। दोस्त के फ्लैट पर हम लोग एक दूसरे को आधा घण्टा तक तो देखते ही रहे।फिर ज़ोहा ने अपने बैग से एक हैण्ड मेड कार्ड निकाल कर दिया। जो करीब दस पेज का था।हर पेज पर हम लोग की चैट की एक ख़ास बात लिखी थी। और हर पेज के दूसरे साइड ड्राइंग से कपल पिक्स बनी हुई थी। उसे देख के ही पता लगता था के उसमे कितनी मेहनत लगी है। फिर ज़ोहा ने उसे छुप के बनाया था। न जाने कितने हफ़्तों से मेहनत कर रही थी।और में पागल बस एक घड़ी ले गया था उसके लिए। लेकिन उसका कार्ड देखने के बाद मुझे घड़ी देते हुए शर्म आ रही थी।उसका प्यार वाक़ई लिमिटलेस था। गिफ्ट्स के लेन देन के बाद न जाने हम कब एक दूसरे में खो गये। बाजीराव मस्तानी के बुक टिकट्स का भी ख्याल न रहा।क्योंकि दूसरे की लव स्टोरी क्या देखते यहाँ तो अपनी ही एक अलग लव स्टोरी चल रही थी।बहरहाल आफ्टर डेट मेने ज़ोहा को उसके घर छोड़ दिया।

फेसबुक चैट


ज़ोहा- यार आज की डेट गज़ब थी न।में कभी नही भूलूंगी।




जुनैद - थी तो यार। भूल तो में भी नहीं सकता डेट


ज़ोहा- डेट ? मतलब मुझे भूल जाओगे ?


जुनैद- ह्म्म्म शायद।।हाहाहा




ज़ोहा- खून चूस लूंगी तुम्हारा 


जुनैद- ओह सॉरी। फूलो सा चेहरा तेरा। दिल पे था पहरा तेरा। फूल वूल कुछ नही सड़ा हुआ आलू हे तू।हूर नही परी नही जंगली एक भालू हे तू।जा चुड़ैल जा चुड़ैल चूड़हैल।




ज़ोहा- तुम्हे ये भी डर नहीं में रूठ जाऊंगी? 


जुनैद- तुम रूठ गयी तो तुमको मना लूंगा

सीने से लगा लूंगा

आँखों में बसा लूंगा

बाहों में छुपा लूंगा

दुनिया से चुरा लूंगा

अपना बना लूंगा 


ज़ोहा- aaaw लव यू बेबी। नाउ में बहुत थक गयी हूँ गुड नाईट।विथ ऑल लव स्माइलीज ।


जुनैद- गुड नाईट डिअर।विथ हॉरर ड्रीम्ज 


आधी रात में ज़ोहा का मैसेज आया


ज़ोहा-आई लव यू जुनैद.....यू आर बेस्ट....

यू क्नोव व्हाट..

अवर रिलेशन शिप इस द बेस्ट 

आई लव यू..लव यू..लव यू.. सो सो मच

थैंक्स फ़ॉर कमिंग इन मह लाइफ..यू मेक माय लाइफ हैवेन... अल्लाह का शुक्र मुझे ऐसा बी एफ मिला।




सुबह उठ कर जब मेसेज देखा तो खुशी का ठिकाना न रहा।।उसका प्यार लैला वाला था।हर वक़्त उस पर बस मेरे प्यार का नशा चढ़ा हुआ था। कभी वो मेरे लिए फलीप कार्ट से सिल्वर रिंग बुक कर के भिजवाती। कभी गोगल।कभी वॉच। और में उसे तभी कुछ दे पाता जब उस से मिलता। लेकिन तब भी वो बाज़ी मार जाती थी।।

खेर उसके बाद हम लोग दो बार और डेट पर गये।। दिसम्बर का ठंड का महीना था। माँ पापा घूमने के लिए राजस्थान चले गए। हमने फिर डेट प्लान बनाया और में ज़ोहा को अपने घर ले आया। क्योंकि जनवरी में उसका बर्थडे था। और बर्थडे पर मौका नहीं मिलता उस से मिलने का।इसी लिए मेने २३ दिसम्बर को ही उसका बर्थडे मनाने का सोचा।।घर आने के बाद में उसे घर में बने ऑफिस में ले आया। जो मेने पहले से ही सजा रखा था। मेज़ पर केक रखा था!



और गिफ्ट्स रखे थे। हमने कुछ केक खाया कुछ एक दूसरे के फेस पर लगाया। ज़ोहा ने कहा मुझे उम्मीद नही थी के तुम एक महीना पहले मेरा बर्थडे सेलिब्रेट करोगे। तुम बहुत अच्छे हो जुनैद प्लीज ऐसे ही रहना।और फिर उसने हग कर लिया। उसका अपना पन मेरे प्यार के लिए ऐसा था जेसे आग में घी। मेने भी हग को टाइटली करते हुए कहा बिलकुल मेरी जान में मौसम नही जो बदल जाऊँ। अब गिफ्ट्स तो खोल लो। गिफ्ट्स ज़ोहा को बहुत पसंद आये।।फिर उसने कहा में भी कुछ लायी हूँ तुम्हारे लिए।और उसने स्कूल बैग से एक स्केच निकाला। जिस पर वो और में स्कूटी पर बैठे हुए बने हुए थे।।ज़ोहा इस बार भी बाज़ी मार के ले गयी। मेरे सारे गिफ्ट्स उसके एक गिफ्ट के आगे फीके पड़ गए। ख़ैर एक हफ्ते बाद माँ पापा भी घूम के आ गए। और मेरे लिए एक तूफानी खबर साथ लाये। माँ ने बड़े प्यार से पास बिठा कर कहा के हम तेरा रिश्ता जयपुर में पक्का कर आये हैं। मेरे तो जैसे पैरो के नीचे से ज़मीन निकल गयी।(और साहेब आशिक़ की तब हवा खराब नही होती जब उसकी लैला की शादी होती है..आशिक़ की तब हवा खराब होती है जब उसकी खुद की शादी होती है)। लेकिन अम्मी क्यों ? इतनी जल्दी क्यों? अम्मी ने कहा बहुत प्यारी लड़की है। हम ज़बान दे चुके हैं। अगर उन लोगो को तू पसंद आ गया तो बात फाइनल समझ।। मैने कहा लेकिन अम्मी मुझे इतनी जल्दी शादी नहीं करनी। पर माँ तो माँ होती है। इमोशनल ब्लैक मेल शुरू ।फिर माँ बाप के आगे लड़के ऐसे होते है जैसे नाँद के बैल।अम्मी को ज़ोहा के बारे में भी नही बता सकता था।क्योंकि ज़ोहा की शादी में कम से कम ६ साल थे अभी। और अम्मी एक दो साल से ज़्यादा रुकने वाली नहीं थी।।एक्सप्रेस की तरह दौड़ने वाला दिमाग एक दम से पेस्संजर बन गया।ज़ोहा को सारी बात बताई के शायद कुछ हल निकल आये।पर ज़ोहा ने तो उल्टा मुझसे ही पूछ लिया अब क्या करोगे? मजबूरन मुझे ज़ोहा को ये कहना पड़ा" में दो नाव में सवारी नही कर सकता ।तुमको धोखे में भी नही रख सकता। बेहतर ये होगा के हम लोग ब्रेकअप कर ले" इतना सुनते ही ज़ोहा ने कॉल पर ही फूट फूट के रोना शुरू कर दिया।उस दिन खुद पर बहुत गुस्सा आया। इतनी मासूम लड़की का दिल दुखाया मेने।आत्म गलिन की वजह से रात में भी नींद नही आयी। पूरा हफ्ता ऐसे ही गुज़र गया। ८वे दिन ज़ोहा की फ़्रेंड उमैमा की कॉल आयी। उसने कहा जीजू ज़ोहा की मम्मा ने आपके और ज़ोहा के फोटोज़ देख लिए हैं। आप उसको सब जगह से ब्लॉक कर दो और अपना न० दो तीन दिन के लिए बंद कर दो।ज़ोहा ने मुझसे ये सब आपको बताने के लिए कहा है।ये तो बिलकुल यूं हुआ के सर मुंढाते ही ओले पड़ गए। अब मेरा दिमाग और ज़्यादा परेशान हो गया।अगले दिन स्कूल पर काफी देर तक खड़ा रहा पर ज़ोहा स्कूल नही आयी। दो दिन ऐसे ही बीत गए। तीसरे दिन ज़ोहा को देखा तो उसके लम्बे काले रेशमी बाल कट चुके थे। और बॉय कट बालो में वो स्कूल ड्रेस में स्कूल से घर रिक्शा में माँ के साथ जा रही थी।।उस वक़्त का अफ़सोस किसी ज़बान के लफ़्ज़ों में बयां नही किया जा सकता।में समझ गया था ज़ोहा कि माँ ने मेरी वजह से बाल काट दिए है उसके।मेने सोच लिया बस बहुत हुआ।सारी क़ुरबानी क्या ज़ोहा ही देती रहेगी।क्या उसी ने मोहब्बत की थी।।मेने घर जाकर कहा मुझे शादी नही करनी है। मुझे कोई और पसंद है। दिल में जो बिजली थी वो घर वालो पर टूट पड़ी । माँ ने लाख समझाया।पर ज़ोहा के बालो के आगे माँ के इमोशनल ब्लैक मेल वाली एक बात न चली।माँ ने थक कर कहा चल ठीक है। आज वो लोग आ रहे है देखने तुझे। उसके बाद बात करेंगे क्या करना है। उसकी तस्वीर लगा कर अपनी तस्वीर के साथ मेने एक उम्र गुज़ारी तदबीर के साथ। उस दिन में सारा दिन ज़ोहा की पिक्स देखता रहा।जिनमे वो लहराते हुये खूबसूरत बालो के साथ थी। आखिरकार लड़की वाले भी आ गये। मेने न तो उनसे ढंग से बात की न उन लोगों को टाइम दिया। आखिरकार अल्लाह नियतो पर फैसला करता है। उन लोगो ने खुद ही मुझे रिजेक्ट कर दिया। अब बस किसी तरह ज़ोहा से बात करनी थी। दो महीने ज़ोहा के पावंदी में बीत गए। और ये दो महीने मुझ पर ऐसे बीते जैसे काले पानी की सज़ा सुना दी गयी हो। हर दिन अफसोस में गुज़रता।हर रात करवटों में। आखिरकार ज़ोहा किसी तरह व्हाट्स एप पर ऑनलाइन आयी।

व्हाट्स एप्प चैट

जुनैद- मुझे माफ़ कर दो ज़ोहा ।में तुम्हारा गुनहगार हूँ। मेरे पास तो अल्फ़ाज़ भी नही के किन अल्फाज़ो में तुमसे माफ़ी माँगू।

ज़ोहा- छोड़ो जुनैद। अब इस सब से क्या फायदा। तुम शादी करो और खुश रहो उस जयपुर वाली के साथ।में अब तुमसे बहुत दूर जा चुकी हूँ। कहा ढूंढोगे मुझे ?

जुनैद- चलो तो में ढूंढना शुरू करता हूँ। ज़ोहा अगर एक परसेंट भी चांस हे तो भी में ढूंढूंगा।

ज़ोहा- शुरू कहाँ से करोगे?

जुनैद-मम्म्म अपनी अलमारी की दराज़ से..

पहले उसे लिफाफों में बंद कार्ड में ढूंढूंगा ..

उस कार्ड में छुपी मेहनत और प्यार में ढूंढूंगा.

फिर उसे पेंसिल के छिलके से बने गुलाब में ढूंढूंगा..

फिर दोस्त के फ्लैट के बिस्तरों की सिलवटों में ढूंढूंगा..

फिर उस फ्लैट के घर से बहते पानी में ढूंढूंगा.

फिर सुकून के लम्हो में टिक टिक करती घड़ी में ढूंढूंगा..

उस पंखे की चर चर में ढूंढूंगा...

फिर उस बाइक की गद्दी पे ढूंढूंगा जिस पर कभी वो चिपक कर बैठा करती थी..

फिर लिम एपल पर बरसती बूंदो में ढूंढूंगा.

उस रोड की गाड़ियों की भीड़ में ढूंढूंगा..

फिर भी न मिली तो स्कूल के सामने बुरखे में ढूंढूंगा..

वहाँ भी न मिली तो चाँदी के छल्ले में ढूंढूंगा..

और वहाँ भी न मिली तो अपने घर के ऑफिस की खुशबु में ढूंढूंगा..

उस सोफ़े पर ढूंढूंगा जिस पर वो सीने से लगी लेटी थी ..

और वहाँ भी न मिली तो सीने में धड़कते उस दिल में ढूंढूंगा जिस पर उसका मासूम सर रखा था..

उस दिल में ज़रूर मिल जायेगी ...

ज़ोहा- कितना कुछ याद है तुमको


जुनैद- भुला ही क्या हूँ..सिवाये खुद के । हाँ मुझे ये भी याद है उस दिन तुम्हारे स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी। और तुम जल्दी छुट्टी लेकर मुझसे मिलने रेस्तरॉ आयी थी। उस दिन भी बादल आज ही की तरह मस्ती में था और हलके हलके मोतियों की बौछार कर रहा था। तुम्हारी बड़ी बड़ी पलकों पर वो मोती बेहद खूबसूरत लग रहे थे। और तुमको देख के में बस इतना कह पाया था। लॉन्ग ड्राइव पर चले।। और तुम ने हां में सर हिलाया और मेरी दोस्त से उधार ली हुई स्कूटी पर बैठ गयी थी।। मौसम खुशगवार था। और उस पर ठंडी ठण्डी बूंदो के बीच तुम्हारी सांसो की गर्माहट। उस दिन इत्तेफ़ाक़ की मुलाकात की वजह से में तुम्हारे लिए कुछ ला नही पाया था।। सिवाये उस गुलाब के जो तुमने आज तक बेहद सम्भाल के रखा है।।में जानता हूँ अब इस सब का कोई मतलब नही।। लेकिन बस इस बारिश ने फिर से पुरानी यादें ज़िंदा कर दी।


ज़ोहा- अब कोई फायदा नही जुनैद।इंतज़ार करना बेकार है।अल्लाह हाफिज़ ।


जुनैद- मोहब्बत ज़िद्दी हे.. आखरी सांस. आखरी धड़कन.आखरी पल तक इंतज़ार कर सकती है... और कभी कभी उस के बाद भी।।अल्लाह हाफ़िज़ ......


किन किन राफ़ाक़तों के दिए वास्ते -


उसको न याद आयीं पुरानी मोहब्बतें


जब कही से यार को मनाने की कोई सूरत नज़र नही आयी तो थक हार के ज़ोहा की कजिन को व्हाट्स एप मैसेज किया ....


व्हाट्स एप चैट


जुनैद- हेल्लो डिअर । मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए । प्लीज यार ज़ोहा को समझाओ न के वो मुझे माफ़ कर दे।


रिदा- किस बात के लिए भाई ?


जुनैद- सब बातों के लिए। पहले ब्रेकअप किया।।फिर मेरी वजह से उसके बाल कटे।फिर मम्मी से पिटाई भी हुई उसकी।उस पर पवंदिया लगी।इन्सल्ट हुई। और जितने भी उसको दुःख हुये मेरी तरफ से उस सब के लिए माफ़ कर दे मुझे।


रिदा- भाई ब्रेकअप तक तो ठीक है। लेकिन बाल उसके आपकी वजह से नही कटे ।।


जुनैद- क्या ? फिर किस वजह से कटे ?


रिदा- रज़ि अकरम की वजह से।स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी। ज़ोहा की मम्मी स्कूल में थी और ज़ोहा स्कूल के गेट पर रज़ि से मिल रही थी। रज़ि ने ज़ोहा को वॉच भी दी।।वॉच देते वक़्त ज़ोहा की मम्मी ने दूर से देख लिया था।घर जाकर इसी बात पर ज़ोहा की डांट लगी।आपके फोटोज़ और चैट तो वो डिलीट कर चुकी थी।रज़ि की चैट उसकी मम्मी ने पढ़ ली।और चैट पढ़ के उन्हें बहुत गुस्सा आया। उन्होंने ज़ोहा को मारा तो ज़ोहा उनसे आर्गुमेंट करने लगी। इसी बात पर ज़ोहा की मम्मी ने बाल काट दिए। के न तेरे बाल होंगे और न तू किसी लड़के से बात करेगी।लेकिन ज़ोहा का अब भी रज़ि से अफेयर चल रहा है। और अब इसकी मम्मी ने तब्यत ख़राब की वजह से साथ आना बंद कर दिया है। अब आप देख लेना किसी भी दिन ये आपको घण्टा गोल करते हुऐ मिल सकती है।।


जुनैद- लेकिन उमैमा ने मुझे ये बताया था के मेरे फोटोज़ देखे हैं उस की मम्मी ने।


रिदा- हाँ । में जानती हूँ।ज़ोहा ने एक तीर से दो निशाने खेले। एक तो उसने आपके दिल में अफ़सोस पैदा कर दिया। दूसरा उसने आपको एक्स्ट्रा में रख लिया था। जब रज़ि से ब्रेकअप होता तो वो फिर आपको माफ़ कर देती। आप उसको मत बताना के में आपको सब बता चुकी हूँ। भाई मानती हूँ इसी लिए सब बता दिया


जुनैद- ................. अल्लाह हाफ़िज़..


और हुआ भी ऐसा ही। अगले ५ महीनों के दौरान मेने ज़ोहा को ३ बार स्कूल का घण्टा गोल करते हुए देख लिया।। आधे साल के बाद हफ़सा से बात हुई तो पता लगा रज़ि को भी छोड़ दिया है। और अब किसी बिलाल के साथ वही सब कसमे वादे हो रहे हैं।फिर दिल बहलाने को उन्होंने खिलौना दूसरा ढून्ढ लिया है।




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