लेन-देन वाली एप
लेन-देन वाली एप
चलोना कुछ खरीदी करने को जाते हैं, बहुत टाइम से मैंने कोई भी जेवरात नहीं खरीदी और ना तो आपने कभी दिलाए।"
काजलने अपने पति संदीप को डाँटते हुए कहा। संदीप तुरंत ही थोडा हिचकिचाया और कहने लगा
"अभी परसों ही तो खरीदी करने गए थे मोल में, वहाँ से तुझे कपड़े और जूते नहीं दिलाए क्या ? और वहां से घर का किराणा भी लाए थे हम, भूल गई क्या ? अब कितनी खरीदी करवाएँगी ?"
काजल ने उत्तर देते हुए कहाँ "कपड़े तो नोर्मल बात है, वो तो मेरा शौक है जो आपको मालूम है तभी तो आपने दिलाए, पर अब 15 दिन के बाद मेरी सहेली की शादी है तो उसके लिए भी कुछ चाहिएगा ना ! मेरे पास कोई जेवरात नहीं है।"
संदीप सोचता है इतने टाइम से साथ रह रहा हूँ, कभी भी मना नहीं किया और ये तो मेरी जेब की ओर कभी देखती भी नहीं, कैसे कमाई होती है वो भी कभी नहीं देखती।" और काजल से हिचकिचाते कहता हैं चलो कोई बात नहीं दोनो साथ में चलते हैं। दोंनो खरीदी करने पहुँच जाते हैं। थोड़े जेवरात और कुछ कपड़ों की खरीदी करके जब पैयमेन्ट करने पहुँचते हैं तब संदीप को मालूम होता है की उसका बटुआ कहीं गिर गया या फिर कहीं गुम हो गया है।
वो पूरी दुकान में ढूंढता है पर कहीं से भी कुछ हाथ में नहींं आता और वापस आके काजल से कहने लगा "मेरा बटुआ कहीं गुम गया है उसे ढूँढने में मेरी मदद करो।" तब काजल कहती है "घर पे छूट गया होगा, आपके मोबाइल में पैसो को ट्रान्सफर करने वाली एप हैं ना उससे पैयमेन्ट कर दो बटुआ घर में ही होगा।
संदीप को मालूम था की बटूऐ में बहुत पैसे थे और जरुरी डोक्युमेंट्स भी थे। उसे चिंता होने लगी की बटुआ साथ लेकर आया था तो कहाँ गिर गया और काजल तो नए जेवरात लेकर बहुत खुशियां मना रही थी।