लाल बत्ती से लाल बत्ती तक
लाल बत्ती से लाल बत्ती तक
जैसे ही रेड लाइट पर गाड़ी रुकी एक 8 साल का लड़का भागा भागा आया और पैसे मांगने के लिए उसने हाथ बढ़ाया। अंदर बैठे हुए शख्स ने उसे हिकारत भरी नजरों से देखते हुए कहा।
Why are you begging ? You seem fit and fine...Why don't you go to school.
यह सुन वह लड़का व्यंग्य भरी नजरों से उसकी ओर देखते हुए बोला। I can study but that won't fill my stomach. उसका अंग्रेजी में जवाब सुन वह व्यक्ति हैरान रह गया और बोला "तुम्हें तो इंग्लिश आती है क्या तुम कभी स्कूल गए थे।"
"नहीं ।"
" फिर कहां से सीखी ?"
" रोज आप जैसे बाबू ही कभी हमें इंग्लिश में गाली सुनाते हैं । कभी उपदेश उसी को सुन सुनकर सीख ली।"
लड़के की बात सुन वह व्यक्ति थोड़ा शर्मिंदा हुआ। इतनी देर में ही ग्रीन लाइट हो गई ।वह व्यक्ति बोला" क्या तुम रोज यही खड़े होते हो ।" उस लड़के ने हां में सिर हिलाया।
इसके बाद उसने अपनी गाड़ी आगे बढ़ा दी।
अगले दिन फिर रेड लाइट पर वही गाड़ी उस लड़के के पास आकर रुकी और उसे इशारा कर गाड़ी में बैठाया। उस व्यक्ति ने लड़के से पूछा तुम्हारा नाम क्या है ?
" मोहन।"
"तुम्हारे घर में कौन-कौन है ?"
" कोई नहीं।"
"मम्मी पापा कहां गए।"
"पता नहीं "
"फिर तुम रहते कहां हो ?"
" यहीं कहीं फुटपाथ पर सो जाता हूं।"
"क्या तुम पढ़ना चाहते हो।"
"मुझे कौन स्कूल में दाखिला करवाएगा और पढ़ूंगा तो भीख कब मांगूंगा और खाऊंगा कैसे ! यहां तो थोड़ी देर के लिए भी अपना ठिकाना छोड़ दो तो दूसरा कब्जा कर लेता है। बड़ी मुश्किल से उधर नाले के पास मैंने जगह बनाई है।"
"तुम इसकी चिंता मत करो । तुम्हारे रहने व खाने का बंदोबस्त भी हो जाएगा। तुम्हारे जैसे होशियार बच्चों के लिए अब कई रास्ते खुले हैं ।बस तुम्हें आगे बढ़ना है बोलो मंजूर है।"
लड़का सोचते हुए बोला" कोई मारेगा तो नहीं।"
"नहीं पर ऐसा क्यों पूछ रहे हो!"
"पहले भी तुम जैसे एक साहब और मैडम हमें लेकर गए थे। काम करवाते थे और खाने को कुछ नहीं देते। मारते अलग। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागा वहां से।"
"ऐसा कुछ नहीं होगा, विश्वास रखो।बस तुम मन लगाकर पढ़ना तुम्हारा बस यही एक काम है। फिर देखना जिस गाड़ी में तुम बैठे हो ऐसी ही एक गाड़ी तुम्हारी भी होगी।"
" लाल बत्ती वाली साहब।"
"लाल बत्ती वाली क्यों ?"
"हमने देखा है साहब जब लाल बत्ती वाली गाड़ी आती है तो सब लोग कैसे इज्जत से उसे देखते हैं और सलाम भी करते हैं। गाड़ी हो तो ऐसी हो।"
"वह कितने की आती होगी !"
उसकी बात सुन वह व्यक्ति हंसते हुए बोला " बेटा वह गाड़ी खरीदी नहीं जाती बल्कि पढ़कर कमाई जाती है।"
"ऐसा क्या फिर तो मैं जरूर पढ़ूंगा और देखना एक दिन उस लाल बत्ती वाली गाड़ी में आपको बैठ कर दिखाऊंगा।"
आज मोहन उसी रेड लाइट पर था लेकिन लाल बत्ती की गाड़ी में।
