लाइक और कमैंट
लाइक और कमैंट
बात अगर लाइक और कमैंट की आती है तो हास्य व्यंग्य तो चलता है पर कभी कभी इज्ज़त ही उतर जाती। सोशल मीडिया की अज़ब सी कहानी है, कभी कभी तो लोग ऐसी पिक चढ़ाते हैं कि उसे सुंदर कहने में सुंदरता का अपमान हो जाता है। पर यही कमैंट सीख भी दे जाते हैं। एक दिन सभी ने कुछ न कुछ हंसी का स्टेटस चढ़ाया। मुझे भी जोश आया और मैने लिख दिया, " रिटायर्ड हस्बैंड अगर मटर भी नहीं छीलते तो ......"। अभी स्टेटस चढ़ा ही था कि तीन कमैंट एक साथ-"थोड़ा रोब जमाइए, साहब रिटायर हो गए हैं, मटर तो छिलवाइए..
दूसरा-इतनी सहायता तो बनती है साहब..
तीसरा पढ़ा तो 100 वाट का झटका लगा -घर की बात घर में रहे तो अच्छा..
एक मिनट के ये तीन ही काफी, औरों से माफी ...
वो दिन और आज का दिन, स्टेटस वो भी मजाक, ना बाबा ना....