dr vandna Sharma

Drama

5.0  

dr vandna Sharma

Drama

क्या यही प्यार है

क्या यही प्यार है

2 mins
621


"मंजू ! कल तुम्हारे घर क्या हुआ था ? बड़ी आवाजें आ रही थी चीखने की। सब ठीक तो है ? तुम्हारा पति तो तुम्हें बहुत प्यार करता है। पिछले हफ्ते ही डायमंड रिंग लाकर दी तुम्हें, इतनी महंगी साड़ी, गहने सब देता है, फिर ऐसा क्या हुआ रात ?"

"सुमन दी क्या आप इसे प्यार कहेंगी ?"

मंजू ने अपनी आँख से गिरते आँसू पोंछते हुए कहा - "महंगे कपड़े, गहने देना ही प्यार नहीं है। मेरे पति मेरे साथ जानवरों जैसा सुलूक करते हैं। जब मन करता है गाली देते है, जब मन करता है शारीरिक शोषण, मार -पीट करते हैं। दुनियावालों के सामने मुझे अपनी अमीरी की नुमाइश की वस्तु बना दिया है। यह सब दिखावा है सुमन दी। दुनिया को दिखाने के लिए बस। मैं अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकती, दी !,आप ही बताओ क्या यही प्यार है ? मैं एक कैदी की तरह रहती हूँ। जिसे कुछ बोलने की इजाज़त नहीं है, जब भी मुँह खोलो , कुछ कहना चाहो तो मिलती है गाली , मार -पीट। इन सब सुविधाओं को महंगे कपड़ो, गहनों प्यार कहते हैं तो नफरत है मुझे ऐसे प्यार से। नहीं चाहिए मुझे ऐसा प्यार। मैं चुप हूँ तो बस अपने बेटे की ख़ातिर। मैं अब भी उसे अकेले ही पाल रही हूँ। तलाक के बाद भी पाल सकती हूँ, पर उसके मासूम मन पर इन सबका गलत असर पड़ेगा। मैं उससे पापा का प्यार छीनकर उसके साथ अन्याय नहीं कर सकती।"

सुमन दी ने उसे झकझोरते हुए पूछा -" क्या अब उस पर गलत असर नहीं होगा। ऐसे हालात में उसका मानसिक विकास अवरुद्ध नहीं होगा ? बोलो मंजू बोलो।"

"क्यों सहती हो सब ? बस इसलिए दी मेरे बेटे को समाज के ताने न झेलने पड़े। विधवा से बुरी ज़िंदगी कर देते है एक तलाकशुदा औरत की ये दुनियावाले। ज़िंदगी तो अब भी नरक है तेरी। सुमन ने मंजू को खंगालते हुए पूछा।"

"क्या बताऊँ दी, मैं खुद नहीं समझ पा रही इस डर को, मंजू ने रोते हुए कहा। मैं अकेले बच्चे को पाल सकती हूँ , इस नरक से बेहतर ज़िंदगी जी  सकती हूँ। पर फिर भी क्यों नहीं निर्णय ले पा रही इस नरक से बाहर आने का। क्यों नहीं हिम्मत कर पा रही ? मेरा मनोबल कमजोर हो गया है।"

"यह प्यार नहीं घरेलू हिंसा है मंजू। कब तक सहोगी ये सब ?"

" सुमन दी शायद इसलिए कि अभी मेरी उम्मीद नहीं टूटी, एक बार और कोशिश करती हूँ इस रिश्ते को सँभालने की शायद सब ठीक हो जाए, एक बार और भरोसा करके देखती हूँ अपनी किस्मत पर।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama