कुछ इस तरह टूटे है हम।।
कुछ इस तरह टूटे है हम।।
एक दिन ऐसे ही बेखबर निकले हम अपने घर से, उस दिन मौसम बड़ा सुहाना था, ऐसा लग रहा था दिल में किसी का आने का इरादा था, कुछ दूर चलते एक रह पर थम गए हमारे पैर, हमने देखा सामने कोई हुस्न परी खड़ी थी लिपट के लाल लिबास में, बास उसी पल दे दिया दिल हमने अब बास वहीं मंजिल आ रही थी सामने नजर हमें।।
रोज़ उसी वक्त चले जाते थे हम उस राह में, पर मिलते नहीं थे वो हमें, एक दिन नजर आ गए वो हमें सामने, हम हिम्मत करके गए उनके सामने, पुछने लगे वो, "किया तुम जानते हो मुझे"? हम बास खड़े रहकर देखते रहे उनकी आंखों में, फिर संभाल हमने अपने आपको दिया उनके सवाल का जवाब "आपकी पहचान तो नहीं जानते बास प्यार है आपसे इतना पता है हमें". हमारा जवाब सुनकर हंस पड़े वो हमें लगा हम पर फिदा हो गए है वो, पर उन्होंने कहा, "मज़ाक अच्छा कर लेते हो आप जनाब", हम ना चाहते हुए भी हंस पड़े उनकी बात पर और कहा " सही पहचाना आपने मज़ाक बहुत अच्छा करते है हम, तो क्या आप और हँसना पसंद करेगी हमारे साथ रह कर।" उनका जवाब आया " हाँ जी जरूर।"
बस उनकी यह बात सुनकर हम बहुत खुश हुए ऐसा लगा रेगिस्तान में जैसे फूल खिल गए, मानो चांद हासिल हो गया इस सितारे को।
अगले दिन हम फिर उसी राह पर चले गए, और वो हमें फिर मिले, ऐसे ही उनके साथ हमारे दिन बीत ने लगे, हम उन्हें और वो हमें हंसाने लगे, उनके दुख में हम और हमारे दुख में वो शामिल होने लगे, हम उनसे प्यार और वो हमारी फिकर करने लगे, हम उनका इंतजार और वो हमें याद करने लगे।।
एक दिन हमने भी थम लिया हाथ उनका और कर दिया वादा नहीं छोड़ेंगे साथ उनका, हमारी बात सुन कर उन्होंने हमें गले लगा लिया और कहा बस रख लो हमें पास तुम्हारे, और कुछ नहीं चाहिए सिवा तुम्हारे। हमने मान ली बात उनकी और आपने आपको बना दिया उनका।
कुछ दिनों के बाद बदले हुए लगे हमें मिजाज़ उनके, सवाल जब हमने किया जवाब मिला हमें ये, "मेरी शादी हो रही है अगले हफ्ते," यह सुन कर हमारी दुनिया बदल गई, मानो पैरो के नीचे से जमीन खिसक गई, हमने संभाल अपने आपको और कहा, "तुम कहो तो हम बात करते हैं तुम्हारे मां, बाप से"?, उन्होंने सर झुका कर कहा, "नहीं हम राज़ी है उस इंसान से शादी करने के लिए, हो सके तो आप भूल जाओ हमें। यह कह कर चले गए वो, हम बस रह गए वहीं, जिसने कहा था हमें रहना है तुम्हारे पास वहीं चले गए हमारे टुकड़े कर कर, अब किस से मरहम मांगेंगे हम?? अब किस पर भरोसा करेंगे हम? अब किस का हाथ थामे हम?? अब और किसे टूट कर चाहे हम? कुछ इस तरह टूट है हम ना चाहते हुए भी बिखरे हुए है हम।।

