कटी उंगलियां भाग 9

कटी उंगलियां भाग 9

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कटी उंगलियाँ भाग 9


      अनेक तस्वीरों में उसने पाया कि एक गोरे रंग और सशक्त कद काठी का व्यक्ति उनके आस पास ही मंडरा-सा रहा था। जबकि वो तस्वीरें अलग-अलग दिनों और स्थानों की थी। क्या यह केवल संयोग था? हर तस्वीर में वो आदमी इन्ही लोगों को घूरता-सा प्रतीत हो रहा था। मोहित ने ध्यान पूर्वक उस आदमी की फोटो देखनी शुरू की। उसी फोल्डर में कुछ वीडियो भी थे। उन्हें देखते समय वो रहस्यमय आदमी कई बार फ्रेम में आया। एक वीडियो में मोहित को ऐसा आभास हुआ मानो रचना और उस आदमी की आँखें एक दूसरे से टकराई थी और उसने कोई गुप्त सा इशारा भी किया था। मोहित ने कई बार उस वीडियो को रिवाइंड करके देखा पर वह निश्चित नहीं कर पाया कि उसका सोचना सही है या भ्रम! आखिर ये क्या गोरखधंधा था? अब मोहित के मन में संशय और भ्रम का तूफ़ान उठ रहा था। क्या वो पागल हो रहा था? उसने मोबाइल का व्हाट्सऐप खोला। ऐसा उसने कभी नहीं किया था। वो और रचना कभी भी एक दूजे का मोबाइल चेक नहीं करते थे। रचना भी यह बात जानती थी कि मोहित कभी भी उसका मोबाइल न देखता है न मांगता है। व्हाट्सऐप पर मोहित, रचना की सहेलियां, एक-दो ग्रुप, उसका भाई और मायके के कुछ लोग थे। एक फोल्डर एक सुन्दर युवक का था जिसके बारे में मोहित नहीं जानता था। उसका नाम श्याम लिखा था। मोहित को यह युवक कुछ-कुछ उस आदमी जैसा लगा जिसे उसने पहले भी कई तस्वीरों में देखा था पर वो किसी ठोस नतीजे पर न पहुँच सका। उसने फोल्डर खोला तो वह पूरी तरह खाली था। बाकी सारे फोल्डर सैकड़ों मैसेजों से भरे पड़े थे बस यही खाली था। शायद इसके मैसेजों को हाल में ही डिलीट कर दिया गया था। पर क्यों? 
अचानक उस फोल्डर पर एक मैसेज आ गया, लिखा था "आज अभी तक ऑनलाइन?''
मोहित ने सोचा, मोबाइल बंद कर दे पर वो अपनी उत्सुकता पर काबू न रख सका उसने लिखा, हाँ!
भीतर से वो खुद को धिक्कार रहा था। 
"कोई गड़बड़?'' प्रश्न आया 
"नहीं!'' 
"वो कहाँ है?''
"सो गया है"
मोहित यंत्रचालित-सा जवाब देता रहा। अचानक उधर से अजीब मैसेज आया, नीला फूल! 
मोहित सोचने लगा कि इसका क्या उत्तर दे, उसने "पीला गुलाब" लिख दिया 
फ़ौरन श्याम ऑफ लाइन हो गया। मोहित की समझ में यह गड़बड़झाला नहीं आया पर उसके मन में संदेह का बीज पड़ चुका था।

कहानी अभी जारी है...

पढ़िए भाग 10 


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