कटी उंगलियाँ भाग 3

कटी उंगलियाँ भाग 3

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कटी उंगलियाँ  भाग  3

              बनारस के गोदौलिया में एक बरात धूम-धाम से चली जा रही थी कुछ लड़के डीजे की धुन पर मस्त मौला से नाच रहे थे। राह चलते लोग तमाशा देखने अगल बगल में खड़े थे। एक जीप को रथ का स्वरुप दिया गया था और उसपर जगमगाती रौशनी के बीच मोहित दूल्हा बना हुआ खुद भी मानो जगमगा रहा था। अचानक किसी ने पटाखों की लड़ी जला दी। भड़भड़ाते हुए पटाखों  से वह संकरी गली गूंज उठी। लोग पटाखों से उड़ रही चिंगारियों से बचने का प्रयास करने लगे। मोहित के पिता जगदम्बा प्रसाद रथ के साथ-साथ गर्दन ऊँची किये चल रहे थे। दूल्हे के पिता होने का रुआब आज उनके हाव भाव से झलक रहा था। पर अचानक एक चिनगारी उड़कर उनके रेशमी दुपट्टे से आ टकराई जिससे उसमें छोटी सी आग लग गई।जगदम्बा प्रसाद ने हड़बड़ाकर दुपट्टा गले से नोंचा और एक दिशा में उछाल दिया और  वह दुपट्टा भीड़ पर जा गिरा। भीड़ में कई लोग इधर उधर भागे। एक लंबा चौड़ा साधू भी भीड़ में खड़ा बरात देख रहा था। दुर्भाग्य से जलता दुपट्टा उसपर जा पड़ा और उसकी रूखी सूखी दाढ़ी में आग लग गई। वो जोर से चिल्लाया और अपने हाथो से दाढ़ी मसलने लगा। इस प्रक्रिया में उसकी दाढ़ी के कुछ बाल झुलस गए और हाथ भी जल गए। वो हाथों में चेहरा छुपाये उकड़ू बैठ गया। जगदम्बा प्रसाद दौड़कर उसके पास गए और क्षमायाचना करने लगे। अचानक वो साधू उठ खड़ा हुआ और उसने दृष्टि उठाई तो उसकी आँखें मानो जल रही थी और उनमें से लपटे निकल रही थी। आधी जली हुई दाढ़ी में उसका चेहरा भयानक लग रहा था। उसने एक भद्दी सी गाली देते हुए जगदम्बा प्रसाद को जोर का धक्का दिया तो वे लड़खड़ा कर गिर गए। दूल्हे के पिता का यह अपमान देखकर आसपास के कई बाराती आगबबूला होकर साधू को पीटने लगे लेकिन वह गजब का शक्तिशाली और फुर्तीला निकला उसने कइयों को धूल चटा दी। जगदम्बा प्रसाद रंग में भंग पड़ता देख चिंतित हो उठे थे वो साधू को समझाने के लिए बीच में कूद पड़े लेकिन उस उन्मत्त साधू ने ऐसी लात चलाई कि वो उनके पेट में जा लगी और वो गिरकर तड़पने लगे। अब मोहित रथ से कूद पड़ा और उसने साधू के चेहरे पर मुक्कों की बरसात कर दी। मोहित कॉलेज में मुक्केबाजी का चैम्पियन था, उसके मुक्कों की बौछार से साधू पस्त हो गया और जमीन पर गिर गया लेकिन उसने भी मोहित को कड़ी टक्कर दी। गिरने पर भी उसकी जुबान बंद नहीं हुई थी वह इन सभी को भद्दी-भद्दी गालियाँ और शाप दे रहा था। अचानक उसने उछलकर मोहित के बाल पकड़ लिए और जब तक वह सम्भल पाता उसके बालों की एक लट नोंच ली और झट अपनी फेंट में खोंस कर दहाड़ा, अब देखना कुत्ते! तेरी वो हालत करूँगा कि तू न जी सकेगा न मर सकेगा। एक सिद्ध साधु के अपमान की ऐसी कीमत चुकाएगा कि तू ही समझेगा।" कहता हुआ वो भाग खड़ा हुआ।

कहानी अभी जारी है...

क्या हुआ साधू के कोप का असर 
पढ़िए  कटी उंगलियाँ   भाग 4


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