कल की तैयारी
कल की तैयारी
"क्या दीदी तुम इतने पैसे रहते हुए इकलौते लड़के को चीजों के लिए तरसाती हो, बच्चा ही तो है" रवि ने भांजे को गोद में लेते हुए सीता दीदी से कहा।
"रवि! ये सही नहीं है, पैसों का क्या आज है कल नहीं हुए तो? बच्चों को आज से ही फालतू खर्च के बजाय बचत सिखाना चाहिये ताकि कल को परिस्थियों के उपर नीचे होने पर घबराए नहीं बल्कि डट कर तैयार रहें।